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________________ सूयगडो सु. 1 अ. 15 141 वयणं भिउंजे अभिसंधए पावविवेग मिक्खू / / 24 // अहाबुइयाई सुसिक्खए जा जइज्जया णाइवेलं वएज्जा / से दिहिमं दिहिण लूसएज्जा से जाणइ भासिउं तं समाहिं // 25 // अलूसए णो पच्छण्णभासी णो सुत्तमत्थं च करेज ताई / सत्थारभत्ती अणुवीइवाय सुयं च सम्म पडिवाययंति // 26 // से सुद्धसुत्ते उवहाणवं च धम्म च जे विंदइ तत्थ तत्थ / आएज्जवक्के कुसले वियत्तेस अरिहइ भासिउं तं समाहिं // 27 // त्ति बेमि // ॥जमईए णाम पण्णरसमं अज्झयणं॥ जमईअं पडुप्पण्णं आगमिस्सं च णायओ / सव्वं मण्णइ तं ताई दंसणावरणंतए // 1 // अंतए वितिगिच्छाए से जाणइ अणेलिसं / अणेलिसस्स अक्खाया ण से होइ तहिं तहिं // 2 // तहिं तहिं सुयक्खायं से य सच्चे सुआहिए / सया सच्चेण संपण्णे मेत्तिं भूए हिं कप्पए // 3 // भूएहिं ण विरुज्झेजा एस धम्मे वुसीमओ। वुसिमं जगं परिण्णाय अस्सि जीवियभावणा // 4 // भावणाजोगसुद्धप्पा जले णावा ण आहिया / णावा व तीरसंपण्णा सव्वदुक्खा तिउट्टइ // 5 // तिउट्टई उ मेहावी जाणं लोगसि पावगं / तुटुंति पावकम्माणि गवं कम्ममकुव्वओ // 6 // अकुवओ ण णत्थि कम्मं णाम विजाणइ / विण्णाय से महावीरे जेण जाई ण मिज्जई // 7 // ण मिज्जई महावीरे जस्स णत्थि पुरेकडं / वाउ ब्व जालमच्चेइ पिया लोगंसि इत्थियो // 8 // इत्थियो जे ण सेवंति आइमोक्खा हु ते जणा। ते जणा बंधणुम्मुक्का णावखंति जीवियं // 9 // जीवियं पिट्ठओ किच्चा अंतं पावंति कम्मुणं / कम्मुणा संमुहीभूया जे मग्गमणुसासई // 10 // अणुसासणं पुढो पाणी वसुमं पूयणासु ते / अणासए जए दंते दढे आरयमेहणे // 11 // णीवारे व ण लीए जा छिण्णसोए अणाविले / अणाइले सया दंते संधिं पत्ते अणेलिसं // 12 // अणेलिसस्स खेयण्णे ण विरुज्झेज्ज केणइ / मणसा वयसा चेव कायसा चेव चक्खुमं // 13 // से हु चक्खू मणुस्साणं जे कंखाए य अंतए / अंतेण खुरो वहई चकं अंतेण लोट्टई // 14 // अंताणि धीरा सेवंति तेण अंतकरा इह / इह माणुस्सए ठाणे धम्ममाराहिउं णरा // 15 // णिट्ठिपट्ठा व देवा वा उत्तरीए इयं सुयं / सुयं य मेयमेगेसि अमणुस्सेसु णो तहा॥१६॥ अंतं करतिं दुक्खाणं इहमेगेसिमाहियं / आघायं पुण एगेसिं दुल्लभेऽयं समुस्सए
SR No.004390
Book TitleAngpavittha Suttani
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRatanlal Doshi, Parasmal Chandaliya
PublisherAkhil Bharatiya Sadhumargi Jain Sanskruti Rakshak Sangh
Publication Year1982
Total Pages1476
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari, agam_acharang, agam_sutrakritang, agam_sthanang, agam_samvayang, agam_bhagwati, agam_gyatadharmkatha, agam_upasakdasha, agam_antkrutdasha, & agam_anutta
File Size23 MB
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