________________ 220 अंग-पविट सुत्ताणि प० तं० पत्तो वा रुक्खसमाणे, पुप्फो वा रुक्खसमाणे फलो वा रुखसमाणे / तओ पुरिसजाया प० तं० णामपुरिसे, ठवणापुरिसे दव्यपुरिसे / तओ पुरिसजाया प० तं० णाणपुरिसे, दंसणपुरिसे, चरित्तपुरिसे, तओ पुरिसजाया प० तं० वेदपुरिसे, चिंधपुरिसे, अभिलावपुरिसे / / 11 // तिविहा पुरिसा प० तं० उत्तमपुरिसा, मज्झिमपुरिसा जहण्णपुरिसा / उत्तमपुरिसा तिविहा प० तं० धम्मपुरिसा, भोगपुरिसा, कम्मपुरिसा / धम्मपुरिसा अरिहंता, भोगपुरिसा चक्कवट्टी, कम्मपुरिसा वासुदेवा / मज्झिमपुरिसा तिविहा-उग्गा भोगा राइण्णा / जहण्णपुरिसा तिविहा, प० तं० दासा, भयगा, भाइल्लगा / / 12 // तिविहा मच्छा प० तं• अंडया, पोयया, संमुच्छिमा। अंडया मच्छा तिविहा प० तं० इत्थी, पुरिसा, णपुंसगा। पोयया मच्छा तिविहा प० तं० इत्थी, पुरिसा, णपुंसगा / / 13 // तिविहा पक्खी प. तं० अंडया, पोयया, संमुच्छिमा। अंडया पक्खी तिविहा प. तं० इत्थी, पुरिसा, णपुंसगा। पोयया पक्खी तिविहा प० तं० इत्थी, पुरिसा, णपुंसगा, एवमेएणं अभिलावेणं उरपरिसप्पावि भाणियव्या, भुजपरिसप्पा वि भाणियव्वा, एवं चेव // 14 // तिविहाओ इत्थीओ पणत्ताओ तं तिरिक्खजोणित्थीओ, मणुस्सित्थीओ देवित्थीओ / तिरिक्खजोणित्थीओ तिविहाओ प० त० जलचरीओ, थलचरीओ, खहचरीओ / मणुस्सित्थीओ तिविहाओ पणत्ताओ, तं० कम्मभूमियाओ, अकम्मभूमियाओ, अंतरदीवियाओ।।१५।। तिविहा पुरिसा प० तं० तिरिक्खजोणियपुरिसा, मणुस्सपुरिसा, देवपुरिसा / तिरिक्खजोणियपुरिसा तिविहा प० तं० जलयरा, थलयरा, खहयरा / मणुस्सपुरिसा तिविहा प० तं० कम्मभूमिया, अकम्मभूमिया अंतरदीवया॥१६॥तिविहा णपुंसगा, प० तं० णेरइयणपुंसगा, तिरिक्खजोणियणपुंसगा मगुस्सणपुंसगा / तिरिक्खजोणियणपुंसगा तिविहा-जलयरा थलयरा खहयरा // 17 // मणुस्सणपुंसगा तिविहा प० तं० कम्मभूमिया अकम्मभूमिया अंतरदीवया / तिविहा तिरिक्खजोणिया, इत्थी पुरिसा णपुंसगा / / 18 / / णेरइयाणं तओ लेस्साओ प० तं० कण्हलेस्सा णीललेस्सा काउलेस्सा / असुरकुमाराणं तओ लेस्साओ संकिलिट्ठाओ प० त० कण्हलेस्सा णीललेस्सा काउलेस्सा एवं जाव थणियकुमाराणं / एवं पुढविकाइयाणं आउवणस्सइकाइयाणं वि तेउवाउबेइंदियतेइंदियचउरिंदियाणं वि तओ लेस्सा जहा णेरइयाणं, पंचिंदियतिरिक्खजोणियाणं तओ लेस्साओ संकिलिट्ठाओ प०