________________ संग 1056 अंग-पविट्ठ सुत्ताणि सेसा अट्रवि एक्क (सरिस) गमगा। सेवं भंते 2 त्ति / बिइयं सयं समत्तं // 2 // एवं गीललेस्सेसुवि सयं, णवरं संचिट्ठणा जहणेणं एक्कं समयं उक्कोसेणं दस सागरोवमाइं पलिओवमस्स असंखेज्जइभागमभहियाई, एवं ठिईएवि, एवं तिसु उद्देसएसु, सेसं तं चेव / सेवं भंते ! सेवं भंते ! ति / तइयं सयं समत्तं // 3 // एवं काउलेस्ससयंपि, णवरं संचिट्ठणा जहण्णेणं एक्कं समयं उक्कोसेणं तिण्णि सागरोवमाइं पलिओवमस्स असंखेज्जइभागब्भहियाई, एवं ठिईएवि, एवं तिसुवि उद्देसएसु, सेसं तं चेव / सेवं भंते ! सेवं भंते ! त्ति / चउत्थं सयं // 4 // एवं तेउलेस्सेसुवि सयं, णवरं संचिटणा जहण्णेणं एक्कं समयं उक्कोसेणं दो सागरोवमाइं पलिओवमस्स असंखेज्जइमागममहियाइं एवं ठिईएवि णवरं णोस. पणोवउत्ता वा, एवं तिसुवि (गमएसु) उद्देसएसु सेसं तं चेव / सेवं भंते !2 त्ति / पंचमं सयं // 5 // जहा तेउलेस्सासयं तहा पम्हलेस्सासयंपि णवरं संचि. ट्ठणा जहण्णेणं एक्कं समयं उक्कोसेणं दस सागरोवमाई अंतोमुत्तममहियाई, एवं ठिईएवि, णवरं अंतोमुहुत्तं ण भण्णइ सेसं तहेव, एवं एएसु पंचसु सएसु जहा कण्हलेस्सासए गमओ तहा यवो जाव अणंतखुत्तो / सेवं भंते ! 2 ति। छट्ठ सयं समत्तं // 6 // सुक्कलेस्ससयं जहा ओहियसयं णवरं संचिटणा ठिई य जहा कण्हलेस्ससए सेसं तहेव जाव अणंतखुत्तो। सेवं भंते ! २त्ति। सत्तमं सयं समत्तं॥७॥ भवसिद्धियकडजुम्म 2 सग्णिपंचिदिया णं भंते ! कओ उववज्जति०? जहा पढमं सण्णिसयं तहा यव्वं भवसिद्धियाभिलावेणं णवरं सव्वपाणाo? णो इणठे समझें, सेसं तं चेव / सेवं भंते ! सेवं भंते ! त्ति / अट्टमं सयं समत्तं // 8 // कण्हलेस्सभवसिद्धियकडजुम्म 2 सण्णिपंचिदिया गं भंते ! कओ उववज्जति ? एवं एएणं अभिलावेणं जहा ओहियकाहलेस्ससयं / सेवं भंते ! 2 त्ति / णवमं सयं // 6 // एवं गोललेस्सभवसिद्धिएवि सयं / सेवं भंते ! 2 त्ति / दसमं सयं // 10 // एवं जहा ओहियाणि सण्णिपंचिदियाणं सत्त सयाणि भणियाणि एवं भवसिद्धिएहिवि सत्त सयाणि कायवाणि, णवरं सत्तसुवि सएसु सव्वपाणा जाव णो इणठे समठे, सेसं तं चेव / सेवं भंते ! 2 त्ति / भवसिद्धियसया समत्ता / चउद्दसमं सयं समत्तं // 14 // अभवसिद्धियकडज़म्मर सण्णिपंचिदिया णं भंते ! कओ उववज्जति०? उववाओ तहेव अणत्तरविमाणवज्जो परिमाणं अवहारो उच्चत्तं बंधो वेओ वेयणं उदओ उदीरणा य जहा कण्हलेस्ससए कण्हलेस्सा वा जाव सुक्कलेस्सा वा णो सम्मदिट्ठी मिच्छादिट्ठी