________________ 848 अंग-पविटु सुत्ताणि पंचर्चाह किरियाहि पुढे, जेसिपिय णं जीवाणं सरीरेहितो मूले णिव्वत्तिए जाव बीए णिव्वत्तिए तेविय णं जीवा काइयाए जाव पंचहि किरियाहिं पुट्ठा / अहे गं भंते ! से मले अप्पणो गरुयत्ताए जाव जीवियाओ ववरोवेइ तओ णं भंते ! से पुरिसे कइकिरिए ? गोयमा ! जावं च णं से मले अप्पणो जाव ववरोवेइ तावं च णं से पुरिसे काइयाए जाव चउहिं किरियाहिं पुछे, जेसिपिय गं जीवाणं सरीरेहितो कदे णिवत्तिए जाव बीए णिव्वत्तिए तेवि णं जीवा काइ. याए जाव चहि किरियाहिं पुट्ठा, जेसिपिय णं जीवाणं सरीरेहितो मूले णिव्व. . त्तिए तेवि णं जीवा काइयाए जाव पंचहि किरियाहिं पुट्ठा, जेविय णं से जीवा अहे वीससाए पच्चोवयमाणस्स उवग्गहे वटुंति तेवि णं जीवा काइयाए जाव पंचहि किरियाहिं पुट्ठा / पुरिसे णं भंते / रुक्खस्स कंदं पाचलेइ० ? गोयमा ! जावं च णं से पुरिसे जाव पंचहि किरियाहिं पुछे, जेसिपिय गं जीवाणं सरीरेहितो मले णिवत्तिए जाव बीए णिवत्तिए तेवि णं जीवा जाव पंचहि किरियाहि पुट्ठा / अहे गं भते ! से कंदे अप्पणो जाव चहि किरियाहि पुठे, जेसिपिय णं जीवाणं सरोरेहितो मूले णिव्वत्तिए खंधे णिव्वत्तिए जाव चहि पुट्ठा, जेसिपिय गं जीवाणं सरीरेहितो कंदे णिव्वत्तिए तेवि णं जीवा पंचहि किरियाहिं पुट्ठा, जेवि य से जीवा अहे वीससाए पच्चोवयमाणस्स जाव पंचहि पुट्ठा जहा कंदे एवं जाव बीयं // 590 ॥कई गं भंते ! सरीरगा पण्णत्ता ? गोयमा ! पंच सरीरगा पण्णत्ता, तंजहा-ओरालिए जाव कम्मए / कइ णं भंते ! इंदिया 50 ? गोयमा ! पंच इंदिया प०, तं०-सोई. दिए जाव फासिदिए / कइविहे गं भंते ! जोए 50 ? गोयमा ! तिविहे जोए प०, तं०-मणजोए वइजोए कायजोए / जीवे णं भंते ! ओरालियसरीरं णिवत्तेमाणे कइकिरिए ? गोयमा ! सिय तिकिरिए सिय चउकिरिए सिय पंचकिरिए, एवं पुढविक्काइएवि, एवं जाव मणुस्से। जीवाणं भंते ! ओरालिय. सरीरं णिवत्तेमाणा कइकिरिया ? गोयमा ! तिकिरियावि चउकिरियावि पंचकिरियावि, एवं पुढविकाइयावि, एवं जाव मणुस्सा, एवं वेठब्वियसरीरेणवि दो दंडगा णवरं जस्स अस्थि वेउब्वियं, एवं जाव कम्मगसरीरं, एवं सोइंदियं जाव फासिदियं, एवं मणजोगं वइजोगं कायजोगं जस्स जं अस्थि तं भाणियव्वं, एए एगत्तपुहुत्तेणं छन्वीसं दंडगा // 561 // कइविहे गं भंते !