________________ ठाणं ठा. 6 293 त्तिए जाव पंचिंदियणिव्वत्तिए एवं चिण उवचिण बंध-उदीर-वेद-तह णिज्जरा चेव / पंचपए सिया खंधा अणंता प० / पंचपएसोगाढा पोग्गला अणंता प० जाव पंच गुणलुक्खा पोग्गला अणंता पण्णत्ता // 60 // छठं ठाणं छहिं ठाणेहिं संपण्णे अणगारे अरिहइ गणं धारित्तए तं० सड्डी पुरिसजाए, सच्चे पुरिसजाए, मेहावी पुरिसजाए, बहुस्सुए पुरिसजाए, सत्तिमं, अप्पाहिगरणे / छहिं ठाणेहिं णिग्गंथे णिग्गंथिं गिण्हमाणे वा अवलंबमाणे वा णाइकमइ, तं० खित्तचित्तं; दित्तचित्तं, जक्खाइ8, उम्मायपत्तं, उवसग्गपत्त, साहिगरणं // 1 / / छहिं ठाणेहिं गिग्गंथा णिग्गंथीओ य साहम्मियं कालगयं समायरमाणा गाइक्कमंति तं० अंतोहिंतो वा बाहिं णीणेमाणा, बाहीहिंतो वा णिब्बाहिं णीणेमाणा, उवेहमाणा वा, उवासमाणा वा, अणुण्णवेमाणा वा, तुसिणीए वा संपव्ययमाणा // 2 // छ ठाणाई छउमत्थे सवभावेणं ण जाणइ ण पासइ तं० धम्मत्थिकायमधम्मदिथकायमायासं जीवमसरीरपडिबद्धं परमाणुपोग्गलं सई, एयाणि चेव उप्पण्णणाणदंसणधरे अरहा जिणे जाव सव्वभावेणं जाणइ पासइ धम्मत्थिकायं जाव सहं // 3 // छहिं ठाणेहिं सव्वजीवाणं णत्थि इड्डीति वा जुत्तीति वा जसेइ वा बलेइ वा वीरिएइ वा पुरिसक्कार जाव परकमेइ वा तं० जीवं वा अजीवं करणयाए, अजीवं वा जीवं करणयाए, एगसमएणं वा दो भासाओ भासित्तए, सयं कडं वा कम्मं वेए मि वा मा वा वेएमि, परमाणुपोग्गलं वा छिंदित्तए वा, भिंदित्तए वा, अगणिकाएण वा समोद हित्तए, बहिया वा लोगंता गमणयाए // 4 // छज्जीवणिकाया प० तं० पुढविकाइया जाव तसकाइया. // 5 // छ तारग्गहा प० तं० सुक्के, बुहे, बहस्सई, अंगारए, सणिचरे, केऊ // 6 // छव्विहा संसारसमावण्णगा जीवा प० तं० पुढविकाइया जाव तसकाइया // 7 // पुढविकाइया छगइया छआगइया प० तं. पुढविकाइए पुढविकाइएसु उववज्जमाणे पुढविकाइए हिंतो वा जाव तसकाइए हिंतो वा उववजेजा, सो चेव णं से पुढविकाइए पुढविकाइयत्तं विप्पजहमाणे पुढविकाइयताए वा जाव तसकाइयत्ताए वा गच्छेजा / आउकाइयावि छगइया छआगइया, एवं चेव जाव तसकाइया // 8 // छव्विहा सव्वजीवा प० तं० आभिणिबोहियणाणी जाव केवलणाणी, अण्णाणी // 9 // अहवा छविहा सव्वजीवा प० तं० एगिंदिया जाव पंचिंदिया, अणिंदिया // 10 // अहवा छविहा सव्वजीवा प० तं० ओरा