________________ भगवई स. 2 उ.१ 453 चत्तारिपंचपरमाणुपो० एगयओ साहणंति 2 खंधत्ताए कजंति, खंधेवि य मं से असासए सया समियं उवचिज्जइ य अवचिज्जइ य / पुवि भासा अभासा भासिज्जमाणी भासा 2 भासासमयवीइक्कंतं च गं भासिया भासा अभासा। जा सा पुवि भासा अभासा भासिज्जमाणी भासा 2 भासासमयवीइक्कंतं च गं भासिया भासा अभासा सा कि भासओ भासा अभासओ भासा ? भासओ गं भासा णो खलु सा अभासओ भासा / पुचि किरिया अदुक्खा जहा भासा तहा भाणियव्वा। किरियावि जाव करणओ णं सा दुक्खा णो खलु सा अकरणओ दुक्खा, सेवं वत्तव्वं सिया-किच्चं फुसं दुक्खं कज्जमाणकडं दुक्खं कटु 2 पाणभयजीवसत्ता वेदेणं वेदेंतीति वत्तव्वं सिया // 80 // अण्णउत्थिया णं भंते ! एवमाइक्खंति जाव-एवं खलु एगे जीवे एगेणं समएणं दो किरियाओ पकरेइ, . तंजहा-इरियावहियं च संपराइयं च, [जं समयं इरियावहियं पकरेइ तं समयं संपराइयं पकरेइ, जं समयं संपराइयं पकरेइ तं समयं इरियावहियं पकरेइ, इरियावहियाए पकरणताए संपराइयं पकरेइ संपराइपकरणयाए इरियावहियं पकरेइ, एवं खलु एगे जोवे एगेणं समएणं दो किरियाओ पकरेइ, संजहाइरियावहियं च संपराइयं च / से कहमेयं भंते ! एवं ? गोयमा ! जं गं ते अण्णउत्थिया एवमाइक्खंति तं चेव जाव जे ते एवमाहंसु, मिच्छा से एवमाहंसु अहं पुण गोयमा ! एवमाइक्खामि ४-एवं खलु एगे जीवे एगसमए एक्कं किरियं पकरेइपरउत्थियवत्तव्वं गेयव्वं / ससमयवत्तव्वयाए णेयव्वं जाव इरियावहियं संपराइयं वा // 81 // णिरयगई गं भंते ! केवइयं कालं विरहिया : उववाएणं प० ? गोयमा ! जहण्णेणे एक्कं समयं उक्कोसेणं बारस मुहुत्ता। एवं वक्कतीपयं भाणियध्वं गिरवसेसं / सेवं भंते ! सेवं भंते ! ति जाव विहरइ // 2 // पढमं सयं समत्तं // बीयं सयं पढमो उद्देसो // गाहा ऊसासखंदए वि य 1 समुग्धाय 2 पुढवि 3 दिय 4 अण्ण. उत्थिभासा 5 यः / देवा य 6 चमरचंचा 7 समय 8 खित्त 6 त्थिकाय 10 / बीयसए // 1 // 83 // तेणं कालेणं तेणं समएणं रायगिहे णामं णयरे होत्था,