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________________ 308 अंग-पविट्ट सुत्ताणि परिग्गहियाणं देवीणं उक्कोसेणं सत्त पलिओवमाइं ठिई प० // 62 // सारस्सयमाइचाणं सत्त देवा सत्त देवसया प० / / 63 // गहतोयतुसियाण देवाणं सत्त देवा सत्त देवसहस्सा प० / / 64 // सणंकुमारे कप्पे उक्कोसेणं देवाणं सत्त सागरोवमाइं ठिई प० / / 65 / / माहिदे कप्पे उक्कोसेणं देवाणं साइरेगाइं सत्त सागरोवमाइं ठिई प. / / 66 / / बंभलोए कप्पे जहण्णेणं देवाणं सत्त सागरोवमाई ठिई प० // 67 / / बंभलोयलंतए सु णं कप्पेसु विमाणा सत्त जोयणसयाइं उड्डू उच्चत्तेणं प० // 68 / / भवणवासीणं देवाणं भवधारणिज्जा सरीरगा उक्कोसेणं सत्त रयणीओ उर्छ उच्चत्तेणं प० / एवं वाणमंतराणं एवं जोइसियाणं / सोहम्मीसाणेसु णं कप्पेसु देवाणं भवधारणिज्जगा सरीरा सत्त रयणीओ उर्दू उच्चत्तेणं प० // 69 / / णंदीसरवरस्स णं दीवस्स अंतो सत्त दीवा प० तं / जंबुद्दीवे 2 धायइसंडे दीवे पोखरवरे वरुणवरे खीरवरे घयवरे खोयवरे // 70 // गंदीसरवरस्स णं दीक्स्स अंतो सत्त समुद्दा प० तं० लवणे कालोए पुकवरोदे वरुणोए खीरोदे घओदे खोओए / / 71 / / सत्त सेढीओ प० तं० उज्जुआयया एगओवंका दुहओवंका एगओखुहा दुहओखुहा चक्कवाला अद्धचक्कवाला // 72 / / चमरस्स णं असुरिंदस्स असुरकुमाररणो सत्त अणिया सत्त अणियाहिवई प० त० पायत्ताणिए पीढाणिए कंजराणिए महिसाणिए रहाणिए. णट्टाणिए गंधव्याणिए दुमे पायत्ताणियाहिवई एवं जहा पंचट्ठाणे जाव किण्णरे रहाणियाहिवई रिटे णट्टाणियाहिवई गीयरई गंधव्वाणियाहिवई / बलिस्स णं वइ. रोयणिंदस्स वइरोयणरण्णो सत्त अणिया सत्त अणियाहिवई प० त० पायत्ताहिए जाव गंधवाणिए महद्दुमे पायत्ताणियाहिबई जाव किंपुरिसे रहाणियाहिवई महारिढे णट्टाणियाहिवई गीयजसे गंधव्वाणियाहिवई / धरणस्स णं णागकुमारिंदस्स णागकुमाररण्णो सत्त अणिया सत्त अणियाहिवई प० तं० पायत्ताणिए जाव गंधवाणिए रुद्दसेणे पायत्ताणियाहिवई जाव आणंदे रहाणियाहिबई णंदणे णट्टाणियाहिवई तेतली गंधवाणियाहिबई / भूयाणंदस्स सत्त अणिया सत्त अणियाहिवई प० तं० पायत्ताणिए जाव गंधव्याणिए दक्खे पायत्ताणियाहिवई जाव णंदुत्तरे रहाणियाहिबई रई णट्टाणियाहिवई माणसे गंधव्याणियाहिवई एवं जाव घोसमहाघोसाणं णेयव्वं / सक्कस्स णं देविंदस्स देवरण्णो सत्त अणिया सत्त अणियाहिवई प० तं० पायत्ताणिए जाव गंधव्याणिए हरिणेगमेसी पायत्ताणियाहिवई जाव माढरे रहाणियाहिवई सेए णट्टाणियाहिवई तुंवुरू गंधव्वा णियाहिवई / ईसाणस्स
SR No.004390
Book TitleAngpavittha Suttani
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRatanlal Doshi, Parasmal Chandaliya
PublisherAkhil Bharatiya Sadhumargi Jain Sanskruti Rakshak Sangh
Publication Year1982
Total Pages1476
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari, agam_acharang, agam_sutrakritang, agam_sthanang, agam_samvayang, agam_bhagwati, agam_gyatadharmkatha, agam_upasakdasha, agam_antkrutdasha, & agam_anutta
File Size23 MB
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