________________ 204 अंग-पविट्ठ सुत्ताणि रगा० अब्भतरगे चेव, बाहिरगे चेव, अब्भतरगे कम्मए, अट्ठिमंससोणियोहारुच्छिराबद्धे, बाहिरए उरालिए, मणुस्साणंवि एवं चेव विग्गहगइसमावण्णगाणं णेरइयाणं दो सरीरगा० तेयए चेव कम्मए चेव, णिरंतरं जाव वेमाणियाणं। णेरइयाणं दोहिं ठाणेहिं सरीरुप्पत्ती सिया, तं० रागेणं चेव, दोसेणं चेव, जाव वेमाणियाणं / णेरइयाणं दुट्ठाणणिव्वत्तिए सरीरगे० रागणिव्वत्तिए चेव, दोसणिव्वत्तिए चेव, जाव वेमाणियाणं // 29 // दो काया० तसकाए चेव, थावरकाए चेव / तसकाए दुविहे पण्णत्ते० भवसिद्धिए चेव, अभवसिद्धिए चेव, एवं थावरकाए वि // 30 // दो दिसाओ अभिगिज्झ कप्पइ णिग्गंथाणं वा, णिग्गंथीणं वा, पव्वावित्तए, पाईणं चेव, उदीणं चेव, एवं मुंडावित्तए, सिक्खावित्तए, उवठ्ठावित्तए, संभुजित्तए, संवसित्तए, सज्झायं उद्दिसित्तए, सज्झायं समुद्दिसित्तए, सज्झायमणुजाणित्तए, आलोइत्तए, पडिक्कमित्तए, प्रिंदित्तए, गरि हित्तए, विउट्टित्तए, विसोहित्तए, अकरणयाए अब्भुद्वित्तए, अहारिहं पायच्छित्तं तवोकम्मं पडिवजित्तए, दो दिसाओ अभिगिज्झ कप्पइ णिग्गंथाणं वा णिग्गंथीणं वा, अपच्छिममारणंतिएसंलेहणाझूसणा झूसियाणं भत्तपाणपडियाइक्खियाणं पाओवगयाणं कालं अणवकंखमाणाणं विहरित्तए, तं जहा-पाईणं चेव उदीणं चेव // 31 // बीयं ठाणं बीयो उद्देसो जे देवा उड्ढोववण्णगा कप्पोववण्णगा, विमाणोववण्णगा, चारोववण्णगा, चारद्विइया, गइरइया, गइसमावण्णगा, तेसिं देवाणं सयासमियं जे पावे कम्मे कज्जइ तत्थगयावि एगइया वेयणं वेयंति अण्णत्थगयावि एगइया वेयणं वेयंतिणेरइयाणं सयासमियं जे पावे कम्मे कज्जइ तत्थगयावि एगइया वेयणं वेयंति अण्णत्थगयावि एगइया वेयणं वेयंति, जाव पंचिंदियतिरिक्खजोणियाणं / मणुस्साणं सयासमियं जे पावे कम्मे कजइ, इहगयावि एगइया वेयणं वेयंति अण्णत्थगयावि एगइया वेयणं वेयंति, मणुस्सवज्जा सेसा एक्कगमा // 32 // णेरइया दुगइया दुयागइया प० तं० णेरइए णेरइएसु उववज्जमाणे मणुस्से हिंतो वा पंचिंदियतिरिक्खजोणिएहिंतो वा उववजेजा, से चेव णं से णेरइए णेरइयत्तं विप्पजहमाणे मणुस्सत्ताए वा पंचिंदियतिरिक्खजोणियत्ताए वा गच्छेज्जा, एवं असुरकुमारावि, णवरं से चेवणं से असुरकुमारत्तं विप्पजहमाणे मणुस्सत्ताए वा तिरिक्खजोणियत्ताए