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________________ 648 अंग-पविट्ठ सुत्ताणि रयणप्पभापुढविणेरइयपवेसणए जाव अहेसत्तमापुढविणेरइयपवेसणए / एगे जं भंते ! गैरइए णेरइयपवेसणएणं पविसमाणे किं रयणप्पभाए होज्जा सक्क. रप्पभाए होज्जा जाव अहेसत्तमाए होज्जा ? गंगेया ! रयणप्पभाए वा होज्जा जाव अहेसत्तमाए वा होज्जा। दो भंते ! गैरइया गैरइयपवेसणएणं पविसमाणा कि रयणप्पभाए होज्जा जाव अहेसत्तमाए होज्जा ? गंगेया ! रयणप्पभाए वा होज्जा जाव अहेसत्तमाए वा होज्जा, अहवा एगे रयणप्पभाए एगे सक्करप्पभाए होज्जा अहवा एगे रयणप्पभाए एगे वालयप्पभाए होज्जा जाव एगे रयणप्पभाए एगे अहेसत्तमाए होज्जा, अहवा एगे सक्करप्पभाए एगे वालुयप्पभाए होज्जा जाव अहवा एगे'सक्करप्पभाए एगे अहेसत्तमाए होज्जा, अहवा एगे वालुयप्पभाए एगे पंकप्पभाए होज्जा एवं जाव अहवा एगे वालु. यप्पभाए एगे अहेसत्तमाए होज्जा, एवं एक्केक्का पुढवी छड्डेयव्वा जाव अहवा एगे तमाए एगे अहेसत्तमाए होज्जा / तिणि भंते ! णेरइया णेरइयपवेसणएणं पविसमाणा कि रयणप्पभाए होज्जा जाव अहेसत्तमाए होज्जा ? गंगेया ! रयणप्पभाए वा होज्जा जाव अहेसत्तमाए वा होज्जा, अहवा एगे रयणप्पभाए दो सक्करप्पभाए होज्जा जाव अहवा एगे रयणप्पभाए दो अहेसत्तमाए होज्जा 6 अहवा दो रयणप्पभाए एगे सक्करप्पभाए होज्जा जाव अहवा दो रयणप्प. भाए एगे अहेसत्तमाए होज्जा 12 अहवा एगे सक्करप्पभाए दो वालुयप्पभाए होज्जा जाव अहवा एगे सक्करप्पभाए दो अहेसत्तमाए होज्जा 17 अहवा दो सक्करप्पभाए एगे वालुयप्पभाए होज्जा जाव अहवा दो सक्करप्पभाए एगे अहेसत्तमाए होज्जा 22 एवं जहा सक्करप्पभाए वत्तव्वया भणिया तहा सवपुढवीणं भाणियन्वा जाव अहवा दो तमाए एगे अहेसत्तमाए होज्जा, 4-43-3-2-2-1-1 (42) अहवा एगे रयणप्पभाए एगे सक्करप्पभाए एगे वालुयप्पभाए होज्जा 1 अहवा एगे रयणप्पभाए एगे सक्करप्पमाए एगे पंकप्प. भाए होज्जा 2 जाव अहवा एगे रयणप्पभाए एगे सक्करप्पभाए एगे अहेसत्त माए होज्जा 5 अहवा एगे रयणप्पभाए एगे वालुयप्पभाए एगे पंकप्प्रभाए होज्जा 6 अहवा एगे रयणप्पभाए एगे वालुयप्पभाए एगे धूमप्पभाए होज्जा 7 एवं जाव अहवा एगे रयणप्पभाए एगे वालुयप्पभाए एगे अहेसत्तमाए होज्जा : अहवा एगे रयणप्पभाए एगे पंकप्पभाए एगे धूमप्पभाए होज्जा 10 जाव
SR No.004390
Book TitleAngpavittha Suttani
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRatanlal Doshi, Parasmal Chandaliya
PublisherAkhil Bharatiya Sadhumargi Jain Sanskruti Rakshak Sangh
Publication Year1982
Total Pages1476
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari, agam_acharang, agam_sutrakritang, agam_sthanang, agam_samvayang, agam_bhagwati, agam_gyatadharmkatha, agam_upasakdasha, agam_antkrutdasha, & agam_anutta
File Size23 MB
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