________________ 446 अंग-पविट्ट सुत्ताणि मियसंकप्पे मियपणिहाणे मियवहाए गंता एए मिएत्तिकाउं अण्णयरस्स मियस्स वहाए उसु णिसिरइ तए णं भंते ! से पुरिसे कइकिरिए ? गोयमा ! सिय तिकिरिए सिय चउकिरिए सिय पंचकिरिए / से केणठेणं ? गोयमा ! जे भविए णिस्सिरणयाए णो विद्धसणयाएवि णो मारणयाए तिहि, जे भविए पिस्सिरणयाएवि विद्धंसणयाएवि णो मारणयाए चहिं, जे भविए णिस्सिरणयाएवि वि० मा० तावं च णं से पुरिसे जाव पंचहि किरियाहिं पुढें, से तेणठेणं गोयमा ! सिय तिकिरिए सिय चउकिरिए सिय पंचकिरिए // 67 // पुरिसे णं भंते ! कच्छंसि वा जाव अण्णयरस्स मियस्स वहाए आययकण्णाययं उसं आयामेत्ता चिट्रिज्जा, अण्णयरे परिते मग्गओ आगम्म सयपाणिणा असिणा सीसं छिदेज्जा से य उसु ताए चेव पुवायामणयाए तं मियं विधेज्जा से णं भंते ! पुरिसे कि मियवेरेणं पुढे पुरिसवेरेणं पुढें ? गोयमा ! जे मियं मारेइ से मियवेरेणं पुछे, जे पुरिसं मारेइ से पुरिसवेरेणं पुढें / सेकेणठेणं भंते ! एवं वुच्चइ जाव से पुरिसवेरेणं पुढें ? से णूणं गोयमा ! कज्जमाणे कडे संधिज्जमाणे संधिए णिव्वत्तिज्जमाणे णिव्वत्तिए णिसिरिज्जमाणे णिसि→त्ति वत्तव्वं सिया ? हंता भगवं ! कज्जमाणे कडे जाव णिसिठेत्ति वत्तव्वं सिया, से तेणठेणं गोयमा ! जे मियं मारेइ से मियवेरेणं पुढें, जे पुरिसं मारेइ से पुरिसवेरेणं पुढें / अंतो छण्हं मासाणं मरइ काइयाए जाव पंचहि किरियाहिं पुछे, बाहिं छण्हं मासाणं मरइ काइयाए जाव पारियावणियाए चहि किरियाहिं पुढें // 68 // पुरिसे गं भंते ! पुरिसं सत्तीए समभिधंसेज्जा सयपाणिणा वा से असिणा सीसं छिदेज्जा तओ णं भंते ! से पुरिसे कइकिरिए ? गोयमा ! जावं च णं से पुरिसे तं पुरिसं सत्तीए अभिसंधेइ सयपाणिणा वा से भसिणा सीसं छिदइ तावं च णं से पुरिसे काइयाए अहिंगरणि० जाव पाणाइवायकिरियाए पंचहि किरियाहिं पुढें, आसण्णवहएण य अणवकंखवत्तिएणं पुरिसवेरेणं पुढें // 66 // दो भंते ! पुरिसा सरिसया सरित्तया सरिव्वया सरिसभंडमत्तोवगरणा अण्णमण्णेणं सद्धि संगाम संगार्मेति, तत्थ णं एगे पुरिसे पराइणइ एगे पुरिसे पराइज्जइ, से कहमेयं भंते ! एवं ? गोयमा ! सवीरिए पराइणइ अवीरिए पराइज्जइ / से केणछैणं जाव पराइज्जइ ? गोयमा ! जस्स णं वीरियवज्झाई कम्माइं णो बद्धाइंणो पुट्ठाई जाव णो अभिसमण्णागयाई