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________________ 650 अंग-पविटु सुत्ताणि रयणप्पभाए उवरिमाहिं समं चारियं तहा सक्करप्पभाए वि उवरिमाहिं समं. चारेयव्वं 5, एवं एक्केक्काए समं चारियव्वं जाव अहवा तिण्णि तमाए. एगे अहेसत्तमाए होज्जा 12-6-6-3 (63) अहवा एगे रयणप्पभाए एगे सक्करप्पभाए दो वालुयप्पभाए होज्जा अहवा एगे रयणप्पभाए एगे सक्कर० दो पंक० होज्जा एवं जाव अहवा एगे रयणप्पभाए एगे सक्कर० दो अहेसत्तमाए होज्जा 5 अहवा एगे रयण० दो सक्कर० एगे वालुयप्पभाए होज्जा एवं जाव अहवा एगे रयण० दो सक्कर० एगे अहेसत्तमाए होज्जा 10 अहवा दो रयण० एगे सक्कर० एगे वालुय० होज्जा, एवं जाव अहवा दो रयण० एगे सक्कर० एगे अहेसत्तमाए होज्जा 15 अहवा एगेरयण० एगे वालय० दो पंक० होज्जा एवं जाव अहवा एगे रयणप्पभाए एगे वालुय० दो अहेसत्तमाए होज्जा 4 एवं एएणं गमएणं जहा तिन्हं तियसंजोगे तहा भाणियव्वो जाव अहवा दो धूमप्पभाए एगे तमाए एगे अहेसत्तमाए होज्जा 105 अहवा एगे रयण० एगे सक्कर० एगे वालुयप्पभाए एगे पंकप्पभाए होज्जा 1 अहवा एगे रयणप्पभाए एगे सक्कर० एगे वालुय० एगे धूमप्पभाए होज्जा 2 अहवा एगे रयण. एगे सक्कर० एगे वालय० एगे तमाए होज्जा 3 अहवर एगे रयणप्पभाए एगे सक्करप्पभाए एगे वालयप्पभाए एगे अहेसत्तमाए होजा 4 हवा एगे रयण० एगे सक्कर० एगे पंक० एगे धूमप्पभाए होज्जा 5 अहवा एगे रयण० एगे सक्कर० एगे पंकप्पभाए एगे तमाए होज्जा 6 अहवा एगे रयण० एगे सक्कर० एगे पंक० एगे अहेसत्तमाए होज्जा 7 अहवा एगे रयणप्पभाए एगे सक्कर० एगे धूम० एगे तमाए होज्जा 8 अहवा एगे रयण. एगे सक्कर० एगे धम० एगे अहेसत्तमाए होज्जा 6 अहवा एगे रयण० एगे सक्करप्पभाए एगे तमाए एगे अहेसत्तमाए होज्जा 10 अहवा एगे रयण० एगे वालुय० एगे पंक० एगे धूमप्पभाए होज्जा 11 अहवा एगे रयण. एगे वालुय० एगे पंक० एगे तमाए होज्जा 12 अहवा एगे रयण० एगे वालुय० एगे पंक० एगे अहेसत्तमाए होज्जा 13 अहवा एगे रयण० एगे वालुय० एगे धूम० एगे तमाए होज्जा 14 अहवा एगे रयण० एगे वालुय० एगे धूम० एगे अहेसत्तमाए होज्जा 15 अहवा एगे रयण० एगे वालुय० एगे तमाए एगे अहेसत्तमाए होज्जा 16 अहवा एगे रयण० एगे पंक० एगे धूम० एगे तमाए होज्जा 17 अहवा एगे रयण० एगे पंक० एगे धूम० एगे अहेसत्तमाए होज्जा 18 अहवा एगे रयण० एगे पंक० एगे तमाए एगे
SR No.004390
Book TitleAngpavittha Suttani
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRatanlal Doshi, Parasmal Chandaliya
PublisherAkhil Bharatiya Sadhumargi Jain Sanskruti Rakshak Sangh
Publication Year1982
Total Pages1476
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari, agam_acharang, agam_sutrakritang, agam_sthanang, agam_samvayang, agam_bhagwati, agam_gyatadharmkatha, agam_upasakdasha, agam_antkrutdasha, & agam_anutta
File Size23 MB
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