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________________ 1146 अंग-पविट्ठ सुत्ताणि चउत्थ जाव विहरंति / तए णं से महब्बले अणगारे इमेणं कारणेणं इस्थि. णामगोयं कम्मं णिवत्तेसु-जइ णं ते महब्बलवज्जा छ अणगारा चउत्थं उवसंपज्जित्ताणं विहरंति तओ से महब्बले अणगारे छठे उवसंपज्जित्ताणं विहरइ / जइ णं ते महब्बलवज्जा [छ] अगगारा छठें उवसंपज्जित्ताणं विहरंति तओ से महब्बले अणगारे अट्टमं उवसंपज्जित्ताणं विहरइ। एवं (अह) अट्ठम तो दसम अह दसमं तो दुवालसं / इमेहि य णं वीसाएहि य कारणेहि आसेवियबहुलीकएहि तित्थयरणामगोयं कम्मं णित्तिसु तंजहा-अरहंतसिद्ध पवयणगुरुथेरबहुस्सुए तवस्सीसं / वच्छल्लया य तेसि अभिक्ख णागोवओगे य // 1 // दसणविणए आवस्सए य सीलब्बए णिरइया (2) रो। खणलबतबच्चियाए वेयावच्चे समाही य // 2 // अप्पुटवणाणगहणे सुयभत्ती पवयणे पभावणया। एएहि कारणेहि तित्थयरत्तं लहइ (जीओ) सो उ // 3 // तए णं ते महब्बलपामोक्खा सत्त अगगारा मासियं भिक्खुपडिमं उवसंपज्जिताणं विहरंति जाव एगराइयं भि० उव० / तए णं ते महब्बलपामोक्खा सत्त अणगारा खड्डागं सीहणिक्किलियं तवोकम्म उवसंपज्जिताणं विहरंति तंजहा-च उत्थं करेति 2 त्ता सव्वकामगुणियं पारेंति 2 ता छळं करेंति 2 ता चउत्थं करेंति 2 ता अट्ठमं करेंति 2 ता छठं करेंति 2 ता दसमं करेंति 2 ता अट्ठमं करेंति 2 ता दुवालसमं करेंति 2 ता दसमं करेंति 2 ता चोद्दसमं करेंति 2 ता दुवालसमं करेंति 2 ता सोलसमं करेंति 2 ता चोद्दसमं करेंति 2 ता अट्टा. रसमं करेंति 2 ता सोलसमं करेंति 2 ता वीसइमं करेंति 2 ता अट्ठारसमं करेंति 2 त्ता वीसइमं करेंति 2 ता सोलसमं करेंति 2 ता अट्ठारसमं करेंति 2 ता चोद्दसमं करेंति 2 त्ता सोलसमं करेंति 2 त्ता दुवालसमं कति 2 ता चोद्दसमं करेंति 2 ता दसमं करेंति 2 त्ता दुवालसमं करेंति 2 ता अट्ठमं करेंति 2 ता दसमं करेंति 2 ता छठें करेंति 2 ता अळं करेंति 2 ता चउत्थं करेंति 2 त्ता छठं करेंति 2 ता चउत्थं करेंति सव्वत्थ सबकाम. गुणिएणं पारेति / एवं खलु एसा खुड्डागसीहणिक्कीलियस्स तवीकम्मस्स पढमा परिवाडी हि मासेहि सत्तहि य अहोरत्तेहि य अहासुत्ता जाव आराहिया भवइ / तयाणतरं दोच्चाए परिवाडीए चउत्थं करेंति णवरं विगइवज्ज पारेति / एवं तच्चा वि परिवाडी णवरं पारणए अलेवाडं पारेति / एवं चउ.
SR No.004390
Book TitleAngpavittha Suttani
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRatanlal Doshi, Parasmal Chandaliya
PublisherAkhil Bharatiya Sadhumargi Jain Sanskruti Rakshak Sangh
Publication Year1982
Total Pages1476
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari, agam_acharang, agam_sutrakritang, agam_sthanang, agam_samvayang, agam_bhagwati, agam_gyatadharmkatha, agam_upasakdasha, agam_antkrutdasha, & agam_anutta
File Size23 MB
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