________________ भगवई स. 18 उ. 3 जाए तहा गच्छइ जाव संजमेइ। तए णं से कत्तिए सेट्ठी णेगमट्ठसहस्सेणं सद्धि अंणगारे जाए ईरियासमिए जाव गुत्तवंभयारी। तए णं से कत्तिए अणगारे मुणि. सुव्वयस्स अरहओ तहारूवाणं थेराणं अंतियं सामाइयमाइयाई चोहस पुव्वाई अहिज्जइ सा० 2 ता बहूहि चउत्थछट्टट्ठम जाव अप्पाणं भावेमाणे बहुपडिपुण्णाई दुवालस वासाइं सामण्णपरियागं पाउणइ 2 ता मासियाए संलेहणाए अत्ताणं झोसेइ मा० 2 ता सद्धि भत्ताई अणसणाए छेदेइ स० 2 ता आलोइयपडिक्कते जाव कालं किच्चा सोहम्मे कप्पे सोहम्मवडिसए विमाणे उववायसभाए देवसयणिज्जंसि जाव सक्के देविदत्ताए उववण्णे / तए णं से सक्के देविदे देवराया अहणोववण्णे सेसं जहा गंगदत्तस्स जाव अंतं काहिइ, णवरं ठिई दो सागरोवमाइं, सेसं तं सेव / सेवं मंते ! सेवं मंते ! ति // 616 // . अट्ठारसमं सयं तइओ उद्देसो / तेणं कालेणं तेणे समएणं रायगिहे णामं णयरे होत्था वण्णओ, गुणसिलए चेइए वण्णओ जाव परिसा पडिगया, तेणं कालेणं तेगं समएणं समणस्स भगवओ महावीरस्स जाव अंतेवासी मागंदियपुत्ते णामं अणगारे पगइमदए जहा मंडियपुत्ते जाव पज्जुवासमाणे एवं वयासो-से पूर्ण भंते ! काउलेस्से पुढवि. काइए काउलेस्सेहितो पुढविकाइएहितो अगंतरं उव्वट्टित्ता माणुसं विग्गहं लभइ मा० 2 ता केवलं बोहिं बुज्झइ के० 2 ता तओ पच्छा सिज्झइ जाव अंतं करेइ ? हंता मागंदियपुत्ता ! काउलेस्से पुढविकाइए जाव अंतं करेइ / से पूर्ण भंते ! काउलेस्से आउकाइए काउलेस्सेहितो आउकाइएहितो अणंतरं उव्वट्टित्ता माणुस्सं विग्गहं लभइ मा० 2 ता केवलं बोहिं बुज्झइ जाव अंतं करेइ ? हता मागंदियपुत्ता! जाव अंतं करेइ / से पूर्ण भंते ! काउलेस्से वणस्सइकाइए एवं चेव जाव अंतं करेइ, सेवं भंते !2 ति मागंदियपुत्ते अणगारे समणं भगवं महावीरं जाव णमंसित्ता जेणेव समणे जिग्गंथे तेणेव उवागच्छइ 2 ता समणे ‘णिग्गंथे एवं वयासी-एवं खलु अज्जो ! काउलेस्से पुढ विकाइए तहेव जाव अंतं करेइ, एवं खल अज्जो ! काउलेस्से आउक्काइए जाव अंतं करेइ, एवं खलु अज्जो ! काउलेस्से वणस्सइकाइए जाव अंतं करेइ / तए णं ते समणा ‘णिग्गंथा मागंदियपुत्तस्स अणगारस्स एवमाइक्खमाणस्स जाव एवं परूवेमाणस्स एयमह्र णो सद्दहंति 3 एयमढें असद्दहमाणा 3 जेणेव समणे भगवं महावीरे