________________ 10 अंग-पविटु सुत्ताणि / / 98 // आयाणिवं च आयाय, तमि ठाणे ण चिट्ठइ / वितहं पप्पऽखेयण्णे तंपि ठाणमि चिट्ठह // 99 // उद्देसो पासगस्स णत्थि // 10 // बाले पुण णिहे कामसमणुण्णे असमियदुक्खे दुक्खी दुक्खाणमेव आवट्ट अणुपरियट्टइ तिं बेमि / // 101 // बीअं अज्झयगं तइओद्देसो समत्तो // .. तओ से एगया रोगसमुप्पाया समुप्पजति // 102 // जेहिं वा सद्धिं संवसइ, ते वा णं एगया णियया पुस्वि परिवयंति / सो वा ते णियगे पच्छा परिवइज्जा, गालं ते तव ताणाए वा, सरणाए वा, तुमं पि.तेसिं णालं ताणाए वा सरणाए वा / / 103 // जाणित्तु दुक्खं पत्तय सायं // 104 // भोगा मे व अणुसोयंति इहमेगेसि माणवाणं, तिविहेण, जावि से तत्थ मत्ता भवइ –अप्पा वा, बहुगा वा, से तत्थ गढिए चिट्ठइ; भोयणाए / // 10 // तओ से एगया विपरिसिढे संभूयं महोवगरणं भवइ, तंपि से एगया दायाया विभयंति, अदत्तहारो वा से हरइ, रायाणो वा से विलुपति, णस्सइ वा से, विणस्सइ वा से, अगारदाहेण वा से डज्झइ // 106 / / इइ से बाले परस्स अट्ठाए कूराणि 'कम्माणि पकुट्वमाणे तेण दुक्खेण मूढे विप्परियासमुवेइ // 107 // आसं च छंदं च विगिंच धीरे // 108|| तुर्म चेव तं सल्लमाहटु // 109 // जेण सिया तेण णो सिया // 110 / / इणमेव णाव. बुज्झति, जे जणा मोहपाउडा // 11 // थीभिलोएपव्वहिए ते भो वयंति"एयाई आययणाई // 112 // से दुक्खाए-मोहाए-माराए-णरगाए-णरगतिरिक्खाए // 113 // सततं मूढे धम्मं णाभिजाणइ // 114 // उदाहु वीरे, अप्पमाओ महामोहे // 115|| अलं कुसलस्स पमाएणं, संति मरणं संपेहाए, भेउरधम्म संपेहाए ॥११६॥णालं पास अलं तव एएहिं, एयं पास मुणी ? महन्भयं // 117 // णाइवाइज कंचणं // 198 // एस वीर पसंसिए जेण णिविजइ आयाणाए // 119 // “ण मे देइ " ण कुप्पिज्जा. थोवं लद्धं ण खिंसए, पडिसेहिओ परिणमिज्जा // 120 // एये मोणं समणुवासिज्जासित्ति बेमि // 121 // बीअं अज्झयणं चउत्थोद्देसो समत्तो॥ जमिणं विरूवरूवेहिं सत्येहिं लोगस्स कम्मसमारंभा कजत्ति, तंजहा-अप्पणो से पुत्ताणं, धूयाणं, सुण्हाणं णाईणं, धाईणं, राईणं, दासाणं, दासीणं, कम्मकराणं