________________ आयारो सु. 1 अ. 6 उ. 3, 4,5 23 वसु वा अणुवसु वा जाणित्तु धम्म जहा तहा, अहेगे तमचाइ कुसीला, वत्थं पडिग्गह कंबलं पायपुंछणं विउसिजा, अणुपुम्वेण अणहियासेमाणा परीसहे दुरहियासए, कामे ममायमाणस्स, इयाणि वा मुहुत्तेण वा अपरिमाणाए भेओ एवं अंतराएहिं कामेहिं आकेवलिएहिं अवइण्णाचेए // 350 // अहेगे धम्ममायाय आयाणप्पभिइसु पणिहिए चरे अप्पलीयमाणे दढे // 351 // सवं गिद्धिं परिण्णाय एस पणए महामुणी ||352 // अइअच्च सव्वओ संगं "णमहं अत्थित्ति इइ एगोहमंसि" जयमाणे एत्थ विरए, अणगारे, सबओ मुंडे, रीयंते, जे अचले परिवुसिए संचिक्खइ ओमोयरियाए // 353 // से आकुठे वा, हए वा, लुंचिए वा, पलियं पकत्थ, अदुवा पकत्थ, अतहेहिं सद्दफासेहिं, इइ सखाए एगयरे अण्णयरे अभिण्णाय तितिक्खमाणे परिवए, जे य हिरी जे य अहिरीमाणा, चिच्चा सव्वं विसोत्तियं संफासे फासे समियदंसगे // 354 // एते भो णगिणा वुत्ता, जे लोयसि अणागमणधम्मिणो, // 355 / / "आणाए मामगंधम्म" एस उत्तरवाए इह माणवाणं वियाहिए।।३५६॥ एत्थोवरए तं झोसमाणे, आयाणिज्ज परिणाय परियाएणं विगिचइ // 357 // इह मेगेसि एगचरिया होइ, तत्थियरा इयरेहिं कुलेहिं सुद्धसणाए सव्वेसणाए से मेहावी परिब्बए, सुन्भि अदुवा दुभि अदुवा तत्थ भेरवा पाणापाणे किलेसंति, ते फासे पुट्ठो धीरो अहियासेज्जासि त्ति बेमि // 358 // बीओईसो समत्तो॥ एयं खु मुणी आयाणं सया सुअक्खायधम्मे विधूयकप्पे णिज्झोसइत्ता // 359 // जे अचेले परिवुसिए तस्स णं भिक्खुस्स णो एवं भवइ परिजुण्णे मे वत्थं जाइ. स्मामि, सुत्त जाइस्सामि, सई जाइस्सामि, संधिस्सामि, सीविस्सामि, उक्कसिस्सामि वोक्कसिस्सामि, परिहिस्सामि पाउणिस्सामि // 360 // अदुवा तत्थ परक्कमंतं भुजो अचेलं तणफासा फुसंति, सीयफासा फुसंति, तेउफासा फुसंति, दंसमसगफासा फुसंति, एगयरे अण्णयरे विरूवरूवे फासे अहियासेइ, अचेले, लाघवं आगममाणे, तवेसे अभिसमण्णागए भवई // 361 // जहेयं भगवया पवेइयं तमेव अभिसमेच्चा सधओ सव्वत्ताए सम्मत्तमेव समभिज्जाणिज्जा एवं तेसिं महावीराणं चिरराइं पुवाई वासाणि रीयमाणाणं दवियाणं पाम, अहियासियं // 362 // आगयपण्णाणाणं किसा बाहा भवंति, पयणुए य मंससोणिए, विस्सेणिं कट्टु परिण्णाए, एस तिण्णे मुत्ते विरए वियाहिएत्ति बेमि // 363 / / विरयं भिक्खं रीयंत चिरराओसियं अरई तत्य