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________________ ठाणं ठा.१० 329 बावत्तरि वासाइं सवाउयं पालइत्ता सिज्झिस्सं जाव सव्वदुक्खाणमंतं करेस्सं, एवामेव महापउमेवि अरहा तीसं वासाई अगारवासमझे वसित्ता जाव पविहिइ दुवालस संवच्छराई जाव बावत्तरिवासाइं सव्वाउयं पालइत्ता सिज्झिहिई जाव सव्वदुक्खाणमंतं काहिई, “जंसीलसमायारो अरहा तित्थंकरो महावीरो, तस्सीलसमायारो होइ उ अरहा महापउमे // 55 // णव णक्खत्ता चंदस्स पच्छंभागा प० तं० अभिई सवणो धणिट्ठा रेवइ अस्सिणि मग्गसिर पूसो, हत्थो चित्ता य तहा पच्छंभागा णव हवंति // 56 / / आणयपाणय आरणच्चुएसु कप्पेसु विमाणा णव जोयणसयाइं उर्दू उच्चत्तेणं प० // 57 // विमलवाहणे णं कुलकरे णव धणुसयाई उडे उच्चत्तेणं हुत्था // 58 // उसमे णं अरहा कोसलिए णं इमीसे ओसप्पिणीए णवहिं सागरोवमकोडाकोडीहिं विईकंताहिं तित्थे पवत्तिए // 59 // घणदंतलट्ठदंतगूढदंतसुद्धदंतदीवा णं दीवा णवणवजोय. णसयाई आयामविक्खंभेणं प•॥६०॥ सुक्कस्स णं महागहस्स णव वीहीओ प० तं०-हयवीही गयवीही णागवीही वसहवीही गोवीही उरगवीही अयवीही मियवीही वेसाणरवीही // 6 // णवविहे णोकसायवेयणिज्जे कम्मे प० त०इत्थिवेए पुरिसवेए णपुंसगवेए हासे रई अरई भये सोगे दुगुंछे / / 62 // चउरिदियाणं णव जाइकुलकोडीजोणिपमुहसयसहस्सा प० // 63 / / भुयगपरिसप्पथलयरपंचिंदियतिरिक्खजोणियाणं णवजाइकुलकोडीजोणिपमुहसयसहस्सा प० / / 64 / / जीवा णं णवट्ठाणणिवत्तिए पोग्गले पावकम्मत्ताए चिणिंसु वा 3 // 65 // पुढविकाइयणिवत्तिए जाव पंचिंदियणिवत्तिए एवं चिण-उवचिण जाव णिज्जरा चेव // 66 // णव पएसिया खंधा अणंता प० // 67 // णव पएसोगाढा पोग्गला अणंता प० // 68 // जाव णव गुणलुक्खा पोग्गला अणंता प० // 69 // दसमं ठाणं दसविहा लोगट्ठिई प० तं० जणं जीवा उद्दाइत्ता 2 तत्थेव 2 भुज्जो 2 पच्चायंति, एवं एगा लोगढिई प० 1 जण्णं जीवाणं सया समियं पावे कम्मे कन्जइ एवं एगा लोगट्टिई प० 2 जण्णं जीवा सया समियं मोहणिजे पावे कम्मे कज्जइ एवं एगा लोगट्टिई प० 3 ण एवं भूयं वा भव्वं वा भविस्सइ वा जं जीवा अजीवा भविस्संति अजीवा वा जीवा भविस्संति एवं एगा लोगढ़िई प० ण एवं भूयं 3 जं तसा
SR No.004390
Book TitleAngpavittha Suttani
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRatanlal Doshi, Parasmal Chandaliya
PublisherAkhil Bharatiya Sadhumargi Jain Sanskruti Rakshak Sangh
Publication Year1982
Total Pages1476
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari, agam_acharang, agam_sutrakritang, agam_sthanang, agam_samvayang, agam_bhagwati, agam_gyatadharmkatha, agam_upasakdasha, agam_antkrutdasha, & agam_anutta
File Size23 MB
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