________________ ठाणं ठा.८ 319 अट्ठ दिसाकुमारिमहत्तरियाओ महड्डियाओ जाव पलिओवमट्टिईयाओ परिवसति तं०-अलंबुसा मिवकेसी पोंडरिगी य वारुणी,आसा य सव्वगा चेव सिरी हिरी चेव उत्तराओ / / 77 // अट्ठ अहेलोगवत्थव्वाओ दिसाकुमारिमहत्तरियाओ प० तं. भोगंकरा भोगवई सुभोगा भोगमालिणी; सुवच्छा वच्छमित्ता य, वारिसेणा बलाहगा (1) अट्ठ उद्दलोगवत्थव्वाओ दिसाकुमारिमहत्तरियाओ प० त०-मेघंकरा मेघवई सुमेघा मेघमालिणी, तोयधारा विचित्ता य पुप्फमाला अणिंदिता (2) // 78 // अट्ठ कप्पा तिरियमिस्सोववण्णगा प० तं० सोहम्मे जाव सहस्सारे // 79 // एएसु णं अट्ठसु कप्पेसु अट्ठ इंदा प० तं० सक्के जाव सहस्सारे / / 80 // एएसि णं अट्ठण्हं इंदाणं अट्ठ परियाणिया विमाणा प० तं० पालए पुप्फए सोमणसे सिरिवच्छे णंदावत्ते कामकमे पीइमणे विमले / / 8 / / अट्ठमिया णं भिक्खुपडिमा णं चउसठ्ठीए राइंदिएहिं दोहि य अट्ठासीएहिं भिक्खासए हिं अहासुत्तं जाव अणुपालियावि भवइ / / 82 // अट्ठविहा संसारसमावण्णगा जीवा प० तं० पढमसमयणेरइया अपढमसमयणेरइया एवं जाव अपढमसमयदेवा / / 83 // अट्टविहा सव्वजीवा प. तं० णेरइया तिरिक्खजोणिया तिरिक्खजोणिणीओ मणुस्सा मणुस्सीओ देवा देवीओ सिद्धा / / 84 / / अहवा अट्ठविहा सबजीवा प० तं० आभिणिबोहियणाणी जाव केवलणाणी मइअण्णाणी सुयअण्णाणी विभंगणाणी // 85 // अट्ठविहे संजमे प० तं० पढमसमयसहुमसंपरायसरागसंजमे, अपढमसमयसुहुमसंप. रायसरागसंजम, पढमसमयबादरसंपरायसंजमे, अपढमसमयबादरसंपरायसंजमे, पढमसमय उवसंतकसायवीयरायसंजमे, अपढमसमयउवसंतकसायवीयरायसंजमे, पढमसमयखीणकसायवीयरायसंजमे, अपढमसमयखीणकसायवीयरायसंजमे / / 86 // अट्ठपुढवीओ प०० रयणप्पभा जाव अहे सत्तमा ईसिपम्भारा // 87 // ईसिपब्भाराए णं पुढवीए बहुमज्झदेसभाए अट्ठजोयणिए खेत्ते अट्ठ जोयणाई बाहल्लेणं प० // 88 / / ईसिपन्भाराए णं पुढवीए अट्ठ णामधेज्जा प० तं० ईसीइ वा, ईसिपब्भाराइ वा, तणूइ वा, तणुतणूइ वा, सिद्धीइ वा, सिद्धालएइ वा, मुत्तीइ वा, मुत्तालएइ वा / / 89 // अट्ठहिं ठाणेहिं सम्म संघडियव्वं जइयव्वं परक्कमियवं. अस्सिं च णं अट्ठे णो पमाए यन्नं भवइ, असुयाणं धम्माणं सम्मं सुणणयाए अब्भुढेयलं भवइ, सुयाणं धम्माणं ओगिण्हणयाए उवधारणयाए अन्भुढेयव्वं