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________________ 318 अंग-पविट्ट सुत्ताणि // 67 // धायइसंडदीवे पुरत्थिमद्धेणं धायइरुक्खे अट्ठ जोयणाई उडे उच्चत्तणं 50 बहुमज्झदेसभाए अट्ठ जोयणाई विक्खंभेणं साइरेगाई अट्ठ जोयणाई सव्वग्गेणं 10 एवं धायइरुक्खाओ आढवेत्ता सचेव जंबूदीववत्तव्वया भाणियव्वा जाव मंदरचूलियत्ति एवं पञ्चत्थिमद्धेवि महाधायहरुक्खाओ आढवेत्ता जाव मंदरचूलियत्ति / / 68 // एवं पुक्खरवरदीवड्डपुरत्थिमद्धेवि पउमरुक्खाओ आढवेत्ता जाव मंदरचूलियत्ति एवं पुक्खरवरदीवड्डपचत्थिमद्धेवि महापउमरुक्खाओ जाव मदरचूलि. यत्ति / / 69 / / जंबुद्दीवे दीवे मंदरे पव्वए भद्दसालवणे अट्ठ दिसाहत्थिकूडा प० तं०पउमुत्तर णीलवंते सुहत्थी अंजणागिरी, कुमुए य पलासए वडिंसे अट्ठमए रोयणा. गिरी 70 // // जंबुद्दीवस्स णं दीवस्स जंगई अट्ठ जोयणाई उई उच्चत्तेणं बहुमज्झदेसभाए अट्ठ जोयणाई विक्खंभेणं प० // 71 / / जंबुद्दीवे दीवे मंदरपव्ययस्य दाहिणेणं महाहिमवंते वासहरपव्वए अट्ठ कूडा प० तं० सिद्धे महाहिमवंते हिमवंत रोहिया हरीकूडे, हरिकंता हरिवासे वेरुलिए चेव कुडा उ॥ 72 / / जंबूमंदर उत्तरेणं रुप्पिमि वासहरपव्वए अट्ठ कूडा प० तं० सिद्धे य रुप्पी रम्मग णरकंता बुद्धि रुप्पकूडे य, हिरण्णवए मणिकंचणे य रुप्पिमि कूडा उ // 73 / / जंबूमंदरपुरत्थिमेणं रुयगवरे पव्वए अट्ठ कूडा प० तं०-रिटे तवणिज कंचण रययं दिसासोत्थिए लंबे य; अंजणे अंजणपुलए रुयगस्स पुरत्थिमे कुडा (1) तत्थ णं अट्ठ दिसाकुमारिमहत्तरियाओ महिड्डियाओ जाव पलिओवमट्टिईयाओ परिवसंति तं०णंदुत्तरा व णंदा आणंदा णंदिवद्धणा, विजया य वेजयंती जयंती अपराजिया / / 74 / / जंबूमंदरदाहिणेणं रुयगवरे पव्वए अट्ठ कूडा प००-कणए कंचणे पउमे णलिणे समि दिवायरे चेव, वेसमणे वेरुलिए रुयगस्स उ दाहिणे कूडा (1) तत्थ णं अट्ठ दिसाकुमारिमहत्तरियाओ महिड्डियाओ जाव पलिओवमट्टिईयाओ परिवसंति तं० समाहारा सुप्पइण्णा सुप्पबुद्धा जसोहरा; लच्छिवई सेसवई चित्तगुत्ता वसुंधरा / / 75 / / जंबूमंदरपञ्चत्थिमेणं रुयगवरे पव्वए अट्ठ कूडा प० तं० सोत्थिए य अमोहे य हिमवं मंदरे तहा, रुअगे रुयगुत्तमे चंदे अट्ठमे य सुदंसणे (1) तत्थ णं अट्ठ दिसाकुमारिमहत्तरियाओ महिड्डियाओ जाव पलिओवमट्टिईयाओ परिवसंति तं०इलादेवी सुरादेवी पुढवी पउमावई, एगणासा णवमिया सीया भद्दा य अट्ठमा // 76 // जंबूमंदरउत्तररुअगवरे पव्वए अट्ठकूडा प० त० रयणे रयणुच्चए या सव्वरयण रयणसंचए चेव, विजये य वेजयंते जयंते अपराजिए (1) तत्थ णं
SR No.004390
Book TitleAngpavittha Suttani
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRatanlal Doshi, Parasmal Chandaliya
PublisherAkhil Bharatiya Sadhumargi Jain Sanskruti Rakshak Sangh
Publication Year1982
Total Pages1476
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari, agam_acharang, agam_sutrakritang, agam_sthanang, agam_samvayang, agam_bhagwati, agam_gyatadharmkatha, agam_upasakdasha, agam_antkrutdasha, & agam_anutta
File Size23 MB
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