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________________ 1338 अंग-पविट्ठ सुत्ताणि तीसं भत्ताइं अणसणाए छेदेइ 2 ता जस्सट्टाए कीरइ जाव सिद्धे 3 // 13 // ( उ० च० अ० ए० ख० ज०) तेणं कालेणं तेणं समएणं रायगिहे णयरे गणसिलए चेइए तत्थ णं सेणिए राया कासवे णाम गाहावई परिवसइ जहा मकाई, सोलस वासा परियाओ विपुले सिद्ध 4 / एवं खेमएऽवि गाहावई णवरं काकंदी णयरी सोलस वासा परियाओ विपुले पव्वए सिद्धे 5 / एवं धिइहरेवि गाहावई काकदीए णयरीए सोलस वासा जाब विपुले सिद्धे 6 / एवं केलासेवि गाहावई णवरं सागेए णयरे बारसवामाई परियाओ विपुले सिद्धे 7, एवं हरिचंदणेवि गाहावई सागेए बारसवासा परियाओ विपुले सिद्ध 8 / एवं वारत्तए वि गाहावई णवरं रायगिहे णयरे बारसवासा परियाओ विपुले सिद्ध 6 / एवं सुदंसणे वि गाहावई णवरं वाणियग्गामे णयरे दूइपलासए चेइए पंचवासा परियाओ विपुले सिद्धे 10 / एवं पुण्णभद्दे वि गाहावई वाणियगामे णयरे पंच वासा परियाओ विपुले सिद्ध 11 / एवं सुमणमद्दे वि गाहावई सावत्थीए णय. रीए बहुवासाई परि , सिद्धे 12 / एवं सुपइठे वि गाहावई सावत्थीए णयरीए सत्तावीसं वासा परियाओ विपुले सिद्ध 13 / एवं मेहे वि गाहावई रायगिहे णयरे बहूई वासाइं परियाओ विपुले सिद्धे 14 // 14 // (उ० प० अ० ए० व०ए०ख००) तेणं कालेणं तेणं समएणं पोलामपुरे णयरे सिरिवणे उज्जाणे, तत्थ गं पोलासपुरे णयरे विजये णामं राया होत्था, तस्स णं विजयस्स रणो सिरीणाम देवी होत्था वण्णओ, तस्स णं विजयस्स रणो पुत्ते सिरीए देवीए अत्तए अइमत्ते णामं कुमारे होत्था सूमाले० / तेणं कालेणं तेणं समएणं समणे भगवं महावीरे जाव सिरिवणे विहरइ / तेणं कालेणं तेणं समएणं समणस्स भगवओ महावीरस्स जेठे अंतेवासी इंदभई जहा पण्णत्तीए जाव पोलासपुरे णयरे उच्च जाव अडइ / इमं च णं अइ मुत्ते कु मारे हाए जाव विभूसिए बहूहि दारएहि य दारियाहि य डिभएहि य डिभियाहि य कुमारएहि य कुमारियाहि य सद्धि संपरिवुडे सयाओ गिहाओ पडिणिक्खमइ 2 ता जेणेव इंदट्ठाणे तेणेव उवागए तेहिं बहूहि दारएहि य 6 संपरिवूडे अभिरममाणे 2 विहरई / तए णं भगवं गोयमे पोलासपुरे णयरे उच्च जाव अडमाणे इंददाणस्स अदूरसामंतेणं वीईवयइ / तए से अइमुत्ते कुमारे भगवं गोयमं अदूरसामंतेणं वीईवयमाणं पासइ 2 ता जेणेव भगवं गोयमे तेणेव उवागए 2 ता भगवं गोयमं एवं
SR No.004390
Book TitleAngpavittha Suttani
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRatanlal Doshi, Parasmal Chandaliya
PublisherAkhil Bharatiya Sadhumargi Jain Sanskruti Rakshak Sangh
Publication Year1982
Total Pages1476
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari, agam_acharang, agam_sutrakritang, agam_sthanang, agam_samvayang, agam_bhagwati, agam_gyatadharmkatha, agam_upasakdasha, agam_antkrutdasha, & agam_anutta
File Size23 MB
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