________________ ठाणं ठा. 4 उ. 3 267 चत्तारि पुरिसजाया प० तं० एगेणं णाममेगे वड्डइ एगेणं हायइ, एगेणं णाममेगे वड्डइ दोहिं हायइ, दोहिं णाममेगे वड्डइ एगेणं हायइ, दोहिं णाममेगे वड्डइ दोहिं हायइ // 125 // चत्तारि कंथगा प० तं० आइण्णे णाममेगे आइण्णे, आइण्णे णाममेगे खलुंके, खलुंके णाममेगे आइण्णे, खलुंके णाममेगे खलुंके / एवामेव चत्तारि पुरिसजाया प० तं० आइण्णे णाममेगे आइण्णे, चउभंगो / चत्तारि कंथगा प० तं आइण्णे णाममेगे आइण्णत्ताए विहरइ, आइण्णे णाममेगे खलुंकत्ताए विहरइ 4 / एवामेव चत्तारि पुरिसजाया प० तं० आइण्णे णाममेगे आइण्णत्ताए विहरइ, चउ. भंगो / चत्तारि पकंथगा प० तं० जाइसंपण्णे णाममेगे णो कुलसंपण्णे 4 / एवामेव चत्तारि पुरिसजाया प० तं० जाइसंपण्णे णाममेगे चउभंगो / चत्तारि कंथगा प० तं० जाइसंपण्णे णाममेगे णो बलसंपण्णे 4 / एवामेव चत्तारि पुरिसजाया प० तं० बाइसंपण्णे णाममेगे णो बलसंपण्णे 4 / चत्तारि कंथगा प० तं० जाइसंपण्णे णाममेगे णो रूवसंपण्णे 4 / एवामेव चत्तारि पुरिसजाया प० त० जाइसंण्णे णाममेगे णो रूवसंपण्णे 4 / चत्तारि कंथगा प० त० नाइसंपण्णे णाममेगे णो जयसंपण्णे 4 / एवामेव चत्तारि पुरिसजाया प० तं० जाइसंपण्णे 4 / एवं कुलसंपण्णेण य बलसंपण्णे य 4 / कुलसंपण्णेण य रूवसंपण्णेण य 4 / कुलसंपण्णेण य जयसंपण्णेण य 4 / एवं बलसंपण्णेण य रूवसंपण्णेण य 4 / बलसंपण्णेण य जयसंपण्णेण य 4 / . सव्वत्थ पुरिसजाया पडिवक्खो, चत्तारि कंथगा प० तं० रूवसंपण्णे णाममेगे गो जयसंपण्णे 4 / एवामेव चत्तारि पुरिस० // 126 // चत्तारि पुरिसजाया प० त० सीहत्ताए णाममेगे णिक्खंते सीहत्ताए विहरइ, सीहत्ताए णाममेगे णिक्खंते सीयालत्ताए विहरइ, सीयालत्ताए णाममेगे णिक्खंते सीहत्ताए विहरइ, सीयालत्ताए णाममेगे णिवते सीयालत्ताए विहरइ // 127 // चत्तारि लोगे समा प० तं० अपइट्ठाणे णरए, जंबुद्दीवे दीवे, पालए जाणविमाणे, सव्वट्ठसिद्धे महा. विमाणे / चत्तारि लोगे समा सपक्खि सपडिदिसिं प० त० सीमंतए णरए समय खेत्ते उडुविमाणे ईसीपब्भारा पुढवी ।।१२८॥उड्डलोए णं चत्तारि बिसरीरा 50 तं० पुदविकाइया आउवणस्सइका० उराला तसा पाणा / अहे लोए णं चत्तारि * 'बिसरीरा प० त० एवं चेव एवं तिरियलोए वि 4 // 129 // चत्तारि पुरिसजाया प० तं० हिरिसत्ते हिरिमणसत्ते चलसत्ते थिरसत्ते // 130 // चत्तारि सेज्जपडिमाओ