________________ भगवई स. 5 उ. 6 529 तहारूवं समणं वा माहणं वा हीलिता णिदित्ता खिसित्ता गरहित्ता अवम. णित्ता अण्णायरेणं अमणुण्णेणं अपीइकारएणं असणपाणखाइमसाइमेणं पडि. लाभत्ता एवं खलु जीवा असुभदोहाउयत्ताए कम्मं पकरेंति / कहण्णं भंते ! जीवा सुभदीहाउयत्ताए कम्मं पकरेंति ? गोयमा ! णो पाणे अइवाइत्ता गो मुसं वइत्ता तहारूवं समणं वा माहणं वा वंदिता णमंसित्ता जाव पज्जुवासित्ता अण्णयरेणं मणण्णणं पीइकारएणं असणपाणखाइमसाइमेणं पडिलाभेत्ता एवं खलु जीवा सुभदीहाउयत्ताए कम्मं पकरेंति // 203 // गाहावइस्स णं भंते ! भंडं विक्किणमाणस्स केइ भंडं अवहरेज्जा तस्स णं भंते ! तं भंडं अणगवेसमाणस्स फि आरंभिया किरिया कज्जइ परिग्गहिया० माया० अप० मिच्छा.? गोयमा ! आरंभिया किरिया कज्जइ परि०माया० अपच्च० मिच्छादसणकिरिया सिय कज्जइ सिय णो कज्जइ / अह से भंडे अभिसमप्णागए भवइ, तओ से पच्छा सव्वाओ ताओ पयणुई भवंति / गाहावइस्स णं भंते ! तं भंडं विक्किणमा. णस्स कइए भंडं साइज्जेज्जा भंडे य से अणुवणीए सिया / गाहावइस्स णं भंते ! ताओ भंडाओ कि आरंभिया किरिया कज्जइ जाव मिच्छादंसणकिरिया कज्जइ कायस्स वा ताओ भंडाओ कि आरंभिया किरिया कज्जइ जाव मिच्छादसण. किरिया कज्जइ गोयमा ! गाहावइस्स ताओ भंडाओ आरंभिया किरिया कज्जइ जाव अपच्चक्खाणिया मिच्छादसणवत्तिया किरिया सिय कज्जइ सिय णो कज्जइ, कइयस्स णं ताओ सव्वाओ पयणुईभवंति / गाहावइस्स णं भंते ! भंडं विक्किणमाणस्स जाव भंडे से उवणीए सिया कइयस्स णं भंते ! ताओ भंडाओ कि आरंभिया किरिया कज्जई ? गाहावइस्स वा ताओ भंडाओ कि आरंभिया किरिया कज्जइ ? गोयमा ! कइयस्स ताओ भंडाओ हेट्रिल्लाओ चत्तारि किरियाओ कज्जति मिच्छादसणकिरिया भयणाए, गाहावइस्स णंताओ सव्वाओ पयणुई भवंति / गाहावइस्स णं भंते ! भंडं जाव धणे य से अणुवणीए सिया एवंपि जहा भंड़े उवणीएतहा यव्वं चउत्थो आलावगो, धणे से उवणीए सिया जहा पढमो आलावगो भंडे य से अणुवणीए सिया तहा यवो पढमचउत्थाणं एक्को गमो बिइयतइयाणं एक्को गमो / अगणिकाए णं भंते ! 'अंहुणोज्जलिए समाणे महाकम्मतराए चेव महाकिरियतराए चेव महासवः तराए चेव महावेयणतराए चेव भवइ, अहे णं समए 2 वोक्कसिज्जमाणे 2