________________ 530 अंग-पविट्ठ सुत्ताणि चरिमकालसमयंसि इंगालब्भए मम्मरब्भए छारियभए तओ पच्छा अप्प. कम्मतराए चेव अप्पकिरियतराए चेव अप्पासवतराए चेव अप्पवेयणतराए चेव भवइ ? हंता गोयमा ! अगणिकाए णं अहुणोज्जलिए समाणे तं चेव // 204 // पुरिसे गं भंते ! धणुं परामुसइ परामुसित्ता उसु परामुसइ 2 ठाणं ठाइ ठाणं ठिच्चा आययकण्णाययं उसुं करेइ आययकण्णाययं उसुं करेत्ता उड्ढं वेहासं उसु उम्विहइ 2 तओ णं से उतुं उड्ढं वेहासं उविहिए समाणे जाई तत्थ पाणाई भूयाई जीवाई सत्ताइं अमिहणइ वत्तेइ लेस्सेइ संघाएइ संघटेइ परियावेइ किलामेइ ठाणाओ ठाणं संकामेइ जीवियाओ ववरोवेइ तए णं भंते ! से पुरिसे कइकिरिए ? गोयमा ! जावं च णं से पुरिसे धj परामुसइ 2 जाव उव्विहइ तावं च णं से पुरिसे काइयाए जाव पाणाइवाय. किरीयाए पंचहि किरियाहि पुठे, जेसिपि य णं जीवाणं सरीरेहि धण णिव्व. त्तिए तेऽवि य णं जीवा काइयाए जाप पंचहि किरियाहिं पुढें (ट्ठा) एवं धणुपुढे पंचहि, किरियाहिं, जीवा पंचहि, हारू पंचहि, उसू पंचहि, सरे पत्तणे फले हारू पंचहि // 205 // अहे गं से उसं अप्पणो गरुयत्ताए भारियत्ताए गरुयसंभारियत्ताए अहे वीससाए पच्चोवयमाणे जाइं तत्थ पाणाइं जाव जीवियाओ ववरोवेइ तावं च णं से पुरिसे कइ किरिए ? गोयमा ! जावं च णं से उसुं अप्पणो गुरुयत्ताए जाव ववरोवेइ तावं च णं से पुरिसे काइयाए जाव चहि किरियाहिं पुछे, जेसिपि य णं जीवाणं सरीरेहिं धणू णिव्वत्तिए तेवि जीवा चहि किरियाहि, धणुपुढे चउहि, जीवा चउहि, हारू चउहि, उसू पंचहि, सरे पत्तणे फले प्रहारू पंचहि, जेवि य से जीवा अहे पच्चोवयमाणस्स उवग्गहे वटंति तेवि य णं जीवा काइयाए जाव पंचहि किरियाहि पुट्ठा // 206 // अण्णउत्थिया णं भंते ! एवमाइक्खंति जाव परूवेंति से जहाणामए जुवई जुवाणे हत्थेणं हत्थे गेण्हेज्जा चक्कस्स वा गाभी अरगाउत्ता सिया एवामेव जाव चत्तारि पंच जोयणसयाहं बहुसमाइण्णे मणुयलोए मणुस्सेहिं / से कहमेयं भंते ! एवं ? गोयमा ! जण्णं ते अण्णउत्थिया जाव मणुस्सेहिं जे ते एवमाहंसु मिच्छा०, अहं पुण गोयमा ! एवमाइक्खामि जाव एवामेव चत्तारि पंच जोयणसयाई बहुसमाइण्णे णिरयलोए णेरइएहि // २०७॥णेरइया णं भंते ! कि एगत्तं पभू विउवित्तए पुहुत्तं पभू विउवित्तए ? जहा जीवाभिगमे आला