________________ 306 अंग-पविट्ठ सुत्ताणि मित्तवाहण सुभोमे य सुप्पभे सयंपभे; दत्ते सहुमे [ सुहे सुरूवे ] सुबंधू य आगमेस्सिण होक्खइ // 30 // विमलवाहणे णं कुलगरे सत्तविहा रुक्खा उवभोगत्ताए हव्वमागच्छिसु तं० मत्तंगया य भिंगा चित्तंगा चेव होति चित्तरसा; मणियंगा य अणियणा सत्तमगा कप्परुक्खा य (1) / / 31 / / सत्तविहा दंडणीई प० तं० हक्कारे मकारे धिक्कारे परिभासे मंडलबंधे चारए छविच्छेदे // 32 // एगमेगस्स णं रण्णो चाउरंतचकवट्टिस्स सत्त ए गिंदियरयणा प० तं० चक्करयणे छत्तरयणे चम्मरयणे दंडरयणे असिरयणे मणिरयणे काकणिरयणे / / 33 // एगमेगस्स णं रण्णो चाउरंतचक्कवट्टिस्स सत्त पंचिंदियरयणा प० तं० सेणावइरयणे गाहावइरयणे वढइरयणे पुरोहियरयणे इत्थिरयणे . आसरयणे हत्थिरयणे / / 34 // सत्तहिं ठाणेहिं ओगाढं दुस्सम जाणेज्जा, तं० अकाले वरिसइ काले ण वरिसइ असाधू पुज्जंति साधू ण पुजंति गुरूहिं जणो मिच्छ पडिवण्णो मणोदुहया वइदुहया // 35 // सत्तहिं ठाणेहिं ओगाढं सुसमं जाणेजा तं० अकाले ण वरिसइ काले वरिसइ असाधू ण पुज्जति साधू पुजंति गुरूहि जणो सम्म पडिवण्णो मणोसुहया वइसुहया / / 36 / / सत्तविहा संसारसमावण्णगा जीवा प० तं० णेरइया, तिरिक्खजोणिया, तिरिक्खजोणिणिओ, मणुस्सा, मणुस्सीओ, देवा देवीओ // 37 // सत्तविहे आउभेदे 50 तं. अज्झवसाणणिमित्ते, आहारे, वेयणा, पराघाए, फासे, आणापाणू, सत्तविह भिज्जए आउं // 38 // सत्तविहा सव्वजीवा प० तं० पुढविकाइया आउतेउवाउ वणस्सइ० तसकाइया अकाइया / अहवा सत्तविहा सव्वजीवा प० तं० कण्हलेसा जाव सुक्कलेसा अलेसा / / 39 // बंभदत्ते णं राया चाउरंतचक्कवट्टी सत्त धणूइं उड्ढे उच्चत्तेणं सत्त य वाससयाइं परमाउं पालइत्ता कालमासे कालं किच्चा अहे सत्तमाए पुढवीए अप्पइट्ठाणे णरए णेरइयत्ताए उववण्णे / / 40 // मल्ली णं अरहा अप्पसत्तमे मुंडे भवित्ता अगाराओ अणगारियं पव्वइए तं० मल्ली विदेहरायवरकप्रणया, पडिबुद्धी इक्खागराया, चंदच्छाए अंगराया, रुप्पी कुणालाहिवई, संखे कासीराया, अदीणसत्तू कुरुराया, जियसत्तू पंचालराया // 41 // सत्तविहे दंसणे प० तं० सम्मईसणे मिच्छईसणे सम्मामिच्छदंसणे चक्खुदंसणे अचक्खुदंसणे ओहिदसणे केवलदंसणे / / 42 / / छउमत्थवीयरागे णं मोहणिज्जवज्जाओ सत्त कम्मपयडीओ वेएइ, तं० णाणावरणिज्ज, दंसणावरणिज, वेयणिय, आउयं, णाम, गोयमंतराइयं / / 43 // सत्त ठाणाइं छउमत्थे सव्वभावेणं ण याणइ ण पासइ,