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________________ सूयगडो सु. 1 अ. 1 उ. 4 113 देवउत्ते अयं लोए बम्भउत्ते इ आवरे॥५॥ ईसरेण कडे लोए पहाणाइ तहारे। जीवाजीवसमाउत्त सुहदुक्खसमण्णिए // 6 // सयंभुणा कडे लोए इइ वुत्तं महेसिणा.। मारेण संथुया माया तेण लोए असासए // 7 // माहणा समणा एगे आह अण्डकडे जए / असो तत्तमकासी य अयाणंता मुसं वए // 8 // सए हिं परियाए हिं लोगं बूया कडे त्ति य / तत्तं ते ण वियाणंति ण विणासी कयाइ वि // 9 // अमगुण्णसमुप्पायं दुक्खमेव वियाणिया / समुप्पायमयाणंता कहं णायंति संवरं ? // 10 // सुद्धे अपावए आया इहमेगेसिमाहियं / पुणो किड्डापदोसेणं सो तत्थ अवरज्झई // 11 // इह संवुडे मुणी जाए पच्छा होइ अपावए / वियडम्बु जहा भुजो णीरयं सरयं तहा // 12 // एयाणुवीइ मेहावी बम्भचेरेण ते वसे / पुढो पावाउया सवे अक्खायारो सयं सयं / / 13 / / सए सए उवट्ठाणे सिद्धिमेव ण अण्णहा / अहो इहेव वसवत्ती सव्वकामसमप्पिए // 14 // सिद्धा य ते अरोगा य इहमेगेसिमाहियं / सिद्धिमेव पुरो काउं सासए गढिया णरा // 15 // असंवुडा अणाईयं भमिहिंति पुणो पुणो / कप्पकालमुवनंति ठाणा आसुरकिब्बिसिया // 16 // त्ति बेमि // // पढमं अज्झयणं चउत्थो उद्देसो // -- एए जिया भो ! ण सरणं बाला पण्डियमाणिणो। हिच्चा णं पुव्वसंजोयं सिया किच्चोवएसगा // 1 // तं च भिक्खू परिण्णाय वियं तेसु ण मुच्छए / अणुक्कस्से अप्पलीणे मज्झेण मुणि जावए // 2 // सपरिग्गहा य सारम्भा इहमेगेसिमाहियं अपरिग्गहा अणारम्भा भिक्खू ताणं परिव्वए // 3 // कडेसु घासमेसेज्जा विऊ दत्तसणं चरे / अगिद्धो विप्पमुक्को य ओमाणं परिवज्जए // 4 // लोगवायं णिसामेजा इहमेगेसिमाहियं / विवरीयपण्णसंभूयं अण्णउत्तं तयाणुवं / / 5 / / अणंते णिइए लोए सासए ण विणस्सई / अंतवं णिइए लोए इइ धीरोऽतिपासई // 6 // अपरिमाणं वियाणाइ इहमेगेसिमाहियं / सव्वत्थ सपरिमाणं इइ धीरोऽतिपासई // 7 // जे केइ तसा पाणा चिट्ठति अदु थावरा / परियाए अत्थि से अंजू जेण ते तसथावरा // 8 // उरालं जगओ जोग विवज्जासं पलेंति य / सव्वे अकंतदुक्खा य अओ सव्वे अहिंसिया // 9 // एयं खु णाणिणो सारं जंण हिंसइ किंचणं / अहिंसासमयं चेव एयावंतं वियाणिया // 10 // वुसिए य विगयगेही आयाणं
SR No.004390
Book TitleAngpavittha Suttani
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRatanlal Doshi, Parasmal Chandaliya
PublisherAkhil Bharatiya Sadhumargi Jain Sanskruti Rakshak Sangh
Publication Year1982
Total Pages1476
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari, agam_acharang, agam_sutrakritang, agam_sthanang, agam_samvayang, agam_bhagwati, agam_gyatadharmkatha, agam_upasakdasha, agam_antkrutdasha, & agam_anutta
File Size23 MB
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