________________ 12 अंग-पविट्ठ सुत्ताणि वेज्जा // 141 // सिया तत्थएगयरं विप्परामुसइ, छसु अण्णयरंसि, कप्पइ // 142 // सुहट्ठी लालप्पमाणे सएण दुक्खेण मूढे विप्परियासमुवेइ / सएण विप्पमाएण पुढो वयं पकुव्वइ, जं सि मे पाणा पवहिया, पडिलेहाए णो णिकरणयाए एस परिण्णा पवुच्चइ कम्मोवसंती // 143 // जे ममाइयमई जहाइ से चयइ ममाइयं से हु दिट्ठपहे मुणी जस्स, णत्थि ममाइयं // 144 // तं परिणाय मेहावी विइत्ता लोग वंता लोगसणं से मइमं परिक्कमिज्जासित्ति बेमि // 145 // णारई सहते वीरे, वीरे णो सहते रइं जम्हा अविमणे वीरे, तम्हा वीरे ण रज्जइ // 146 // सद्दे फासे अहियासमाणे, णिविंद शंदि इह.जीवियस्स // 147 // मुणी मोणं समायाय, धुणे कम्मसरीरगं; पंतं लूहं सेवंति, वीरा संमत्तदंसिणो // 148 // एस ओहंतरे मुणी, तिण्णे मुत्ते, विरए वियाहिएत्ति बेमि // 149 // दुव्वसुमुणी अणाणाए, तुच्छए गिलाइ वत्तए // 150 // एस.वीरे पसंसिए, अच्चेइ लोयसंजोयं, // 15 // एस णाए पवुच्चइ, जं दुक्खं पवेइयं इह माणवाणं, तस्स दुक्खस्स कुसला परिण्णमुदाहरंति / / 152 / / इइ कम्म परिण्णाय सव्वसो // 153 // जे अणण्णदंसी से अणण्णारामे, जे अणण्णारामे से अणण्णदंसी // 154|| जहा पुण्णस्स कत्थइ तहा तुच्छस्स कत्थइ जहा तुच्छस्स कत्थइ तहा पुण्णस्स कत्थइ // 155 / / अविय हणे अणाइयमाणे / एत्थंपि जाण, सेयंति णत्थि // 156 / / केयं पुरिसे कं च णए ? एस वीरे पसंसिए, जे बद्ध पंडिमोयए, उद्धं अहं तिरियं दिसासु // 157 // से सव्वओ सवपरिण्णाचारी ण लिप्पइ छणपएण, वीरे // 158 // से, मेहावी अणुग्घायणस्सखेयण्णे जे य बंधपमुक्खमण्गेसी // 159 / / कुसले पुण णो बद्धे, णो मुक्के // 160 // से जंच आरमे जं च णारभे। अणारद्धं च ण आरभे // 161 // छणं परिण्णाय लोगसणं च सव्वसो / / 162 / / उद्देसो पासगस्स णत्थि / / 163 // बाले पुण णिहे कामसमगुण्णे असमियदुक्खे दुक्खी दुक्खाणमेव आवढे अणुपरियट्टइ त्ति बेमि // 164 // छट्ठोद्देसो समत्तो।। लोगविजय णाम बीअमज्झयणं समत्तं // -सीओसणिज्ज णाम तइयं अज्झयणंसुत्ता अमुणी सया मुणिणो सया जागरंति // 165 // लोयसि जाण अहियाय