________________ 892 अंग-पविट्ठ सुत्ताणि जे यावण्णे तहप्पगारा सम्वे ते जाव अभिवयणा प० / पोग्गलत्थिकायस्स गं भंते ! पुच्छा, गोयमा ! अणेगा अभिवयणा प०, तं०-पोग्गलेइ वा पोग्गल. स्थिकाएइ वा परमाणुपोग्गलेइ वा दुपएसिएइ वा तिपएसिएइ वा जाव असं. खेज्जपएसिएइ वा अपंतपएसिएइ वा खंधे जे यावण्णे तहप्पगारा सव्वे ते पोग्गलस्थिकायस्स अभिवयणा प० / सेवं भंते ! सेवं भंते ! ति // 663 // वीसइम सयं तइओ उद्देसो अह भंते ! पाणाइवाए मसावाए जाव मिच्छादसणसल्ले, पाणाइवायवेरमणे जाव मिच्छादसणसल्लविवेगे, उत्पत्तिया जाव पारिणामिया, उग्गहे जाव धारणा, उट्ठाणे कम्मे बले वीरिए पुरिसक्कारपरक्कमे, जेरइयत्ते असुरकुमारत्ते जाव वेमाणि यत्ते, णाणावरणिज्जे जाव अंतराइए, कण्हलेस्सा जाव सुक्कलेस्सा, सम्मदिट्ठी 3, चक्खुदंसणे 4, आभिणिबोहियणाणे जाव विभंगणाणे, आहारसण्णा 4, ओरालियसरीरे 5, मणजोगे 3, सागरोवओगे अणागारोवओगे जे यावण्णे तहप्पगारा सव्वे ते णण्णत्थ आयाए परिणमंति ? हंता गोयमा ! पाणाइवाए जाव सब्वे ते णण्णत्थ आयाए परिण. मंति // 664 // जीवे गं भंते ! गम्भं वक्कममाणे कइवण्णं कइगंधं० एवं जहा बारसमसए पंचमहेसए जाव कम्मओ णं जए णो अकम्मओ विभत्तिभावं परि. णमइ / सेवं भंते ! सेवं भंते ! त्ति जाव विहरइ // 665 // ___ वीसइमं सयं चउत्थो उद्देसो कइविहे गं भंते ! इंदियउवचए पण्णत्ते ? गोयमा ! पंचविहे इंदियउव. चए प०, तं०-सोइंदियउवचए एवं बिइओ इंदियउद्देसओ णिरवसेसो भाणिय. व्वो जहा पण्णवणाए / सेवं भंते ! 2 त्ति भयवं गोयमे जाव विहरइ // 666 / / वीसइमं सयं पंचमो उद्देसो परमाणुपोग्गले गं भंते ! कइवण्णे कइगंधे कइरसे कइफासे पणते ? गोयमा ! एगवण्णे एगगंधे एगरसे दुफासे पण्णत्ते, तंजहा-जइ एगवाणे सिय कालए सिय णीलए सिय लोहिए सिय हालिद्दए सिय सुक्किल्लए, जइ एगगंधे सिय सुभिगंधे सिय दुब्भिगंधे, जइ एगरसे सिय तित्ते सिय कडुए सिय कसाए सिय अंबिले सिय महुरे, जइ दुफासे सिय सीए य गिद्धे य 1, सिय सीए य