________________ ठाणं ठा. 3 उ.४ 237 मारणंतियसलेहणाझूसणाझूसिए भत्तपाणपडियाइक्खिए पाओवगए कालमणवकंखमाणे विहरिस्सामि / एवं समणसा सवयसा सकायसा पागडेमाणे समणे णिग्गंथे महाणिन्नरे महापज्जवसाणे भवइ // 110 // तिहिं ठाणेहिं समणोवासए महाणिज्जरे महापज्जवसाणे भवइ तं० कयाणं अहं अप्पं वा बहुयं वा परिग्गहं परिचइस्सामि ? कयाणं अहं मुंडे भवित्ता अगाराओ अणगारियं पव्वइस्सामि ? कयाणं अहं अपच्छिममारणंतियसलेहणाझूसणाझूसिए भत्तपाणपडियाइक्खिए पाओवगए कालं अणवकंखमाणे विहरिस्सामि ? एवं समणसा सवयसा सकायसा पागडेमाणे समणोवासए महाणिजरे महापज्जवसाणे भवइ॥१११।।तिविहे पोग्गलपडिघाए प० तं० परमाणुपोग्गले परमाणुपोग्गलं पप्प पडिहणिज्जा, लुक्खत्ताए वा पडिहणिज्जा, लोगते वा पडिहणिज्जा // 112 // तिविहे चक्खू प० त० एगचक्खू, बिचक्खू, तिचक्खू / छउमत्थेणं मणुस्से एगचक्खू , देवे बिचक्खू, तहारूवे समणे वा माहणे वा उप्पण्णणाणदंसणधरे से णं तिचक्खुत्ति वत्तव्वं सिया // 113 // तिविहे अमिसमागमे प० तं० उर्दू अहं तिरियं / जया णं तहारूवस्स समणस्स वा माहणस्स वा अइसेसे णाणदंसणे समुप्पज्जइ सेणं तप्पढमयाए उड्डमभिसमेइ, तओ तिरियं तओ पच्छा अहे, अहोलोगेणं दुरमिगमे प० समणाउसो // 114 // तिविहा इड्डी प० तं० देविड्डी-राइड्ढी-गणिड्डी। देविड्डी तिविहा प० तं० विमाणिड्डी, विगुव्विणिड्डी, परियारणिड्डी / अहवा देविड्डी तिविहा प० तं० सचित्ता, अचित्ता मीसिया / राइड्डी तिविहा प० त० रणो' अइयाणिट्टी, रणो णिज्जाणिड्डी, रण्णो बलवाहणकोसकोट्ठागारिड्डी / अहवा राइड्डी तिविहा प० सं० सचित्ता, अचित्ता, मीसिया / गणिड्डी तिविहा प० तं० णाणिड्डी, दंसणिड्डी, चरित्तिड्डी / अहवा गणिड्डी तिविहा प० तं० सचित्ता अचित्ता मीसिया // 115 // तओ गारवा प० तं० इड्डीगारवे, रसगारवे, सायागारवे / तिविहे करणे प० तं० धम्मिए करणे, अधम्मिए करणे, धम्मियाधम्मिए करणे // 116 // तिविहे भगवया धम्मे प० तं० सुअहिजिए, सुज्झाइए, सुतवस्सिए / जया सुअहिज्जियं भवइ, तया सुज्झाइयं भवइ, जया सुज्झाइयं भवइ तया सुतवस्सियं भवइ / से सुअहिज्जिए, सुज्झाइए, सुतवस्सिए सुयक्खाएणं भग. वया धम्मे पण्णत्ते // 117 // तिविहा वावत्ती प० तं० जाणू, अजाणू, वितिगिच्छा, एवमंझोववज्जणा परियावज्जणा // 118 // तिविहे अंते प० तं०