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________________ 386 अंग-पविटु सुत्ताणि चउरासीइ सामाणियसाहस्सीओ पण्णत्ताओ / सव्वे वि णं वाहिरया मंदरा चउरा. सीइं चउरासीइं जोयणसहस्साई उड्डे उच्चत्तणं प० / सव्वे वि णं अंजणगपव्वया चउरासीई-चउरासीइं जोयणसहस्साई उई उच्चत्तेणं प० / हरिवासरम्मयवासियाणं जीवाणं धणुपिट्ठा चउरासीई जोयणसहस्साई सोलस जोयणाई चत्तारि य भागा जोयणस्स परिक्खेवेणं प० / पंकबहुलस्स णं कंडस्स उवरिल्लाओ चरमंताओ हेछिल्ले चरमंते एस णं चोरासीई जोयणसयसहस्साइं अबाहाए अंतरे प० / विवाहपण्णत्तीए णं भगवईए चउरासीई पयसहस्सा पदग्गेणं प० / चोरासीई णागकुमारावाससयसहस्सा प० / चोरासीई पइण्णगसहस्साई पण्णत्ताई। चोरासीई जोणिप्पमुहसय. सहस्सा प० / पुवाइयाणं सीसपहेलियापज्जवसाणाणं सहाणट्ठाणंतराणं चोरासीए गुणकारे प० / उसभस्स णं अरहओ कोसलियस्स चउरासीइ गणा चउरासीइ गहणरा होत्था / उसभस्स णं अरहओ कोसलियस्स उसभसेणपामोक्खाओ चउरा. सीइ समणसाहस्सीओ होत्था / सव्वे वि चउरासीइ विमाणावाससयसहस्सा सत्ताणउई च सहस्सा तेवीसं च विमाणा भवंतीति मक्खायं // 84 // आयारस्स णं भगवओ सचूलियागस्स पंचासीइ उद्देसणकाला प० / धायइसंडस्स णं मंदरा पंचासीइ जोयणसहस्साई सव्वग्गेणं प० / रुयए णं मंडलियपव्वए पंचासीइ जोयण. सहस्साई सव्वगेणं प० / णंदणवणस्स णं हेछिल्लाओ चरमंताओ सोगंधियस्स कंडस्स हेटिल्ले चरमंते एस णं पंचासीइ जोयणसयाई अबाहाए अंतरे प० // 85 / / सुविहिस्स णं पुप्फदंतस्स अरहओ छलसीइ गणा छलसीइ गणहरा होत्था / सुपासस्स णं अरहओ छलसीइ वाइसया होत्था / दोचाए णं पुढवीए बहुमज्झदेसभायाओ दोचस्स घणोदहिस्स हेडिल्ले चरमंते एस णं छलसीइ जोयणसहस्साई अबाहाए अंतरे प० / / 86 // मंदरस्स णं पव्वयस्स पुरथिमिल्लाओ चरमंताओ गोथूभस्स आवासपव्वयस्स पचत्थिमिल्ले चरमंते एस णं सत्तासीइं जोयणसहस्साई अबाहाए अंतरे प० / मंदरस्स णं पव्वयस्स दक्खिणिल्लाओ चरमंताओ दगभासस्स आवासपव्वयस्स उत्तरिल्ले चरगते एस णं सत्तासीई जोयणसहस्साई अबाहाए अंतरे प० / एवं मंदरस्स पञ्चत्थिमिल्लाओ चरमंताओ संखस्स आवास व्वयस्स पुरथिमिल्ले चरमंते एस णं सत्तासीई जोयणसहस्साई अबाहाए अंतरे प० / एवं चेव मंदरस्स उत्तरिल्लाओ चरमंताओ दगसीमस्स आवासपव्वयस्स दाहिणिल्ले
SR No.004390
Book TitleAngpavittha Suttani
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRatanlal Doshi, Parasmal Chandaliya
PublisherAkhil Bharatiya Sadhumargi Jain Sanskruti Rakshak Sangh
Publication Year1982
Total Pages1476
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari, agam_acharang, agam_sutrakritang, agam_sthanang, agam_samvayang, agam_bhagwati, agam_gyatadharmkatha, agam_upasakdasha, agam_antkrutdasha, & agam_anutta
File Size23 MB
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