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________________ भगवई स. 25 उ. 3 कप्पेसुवि जाव ईसिप्पन्माराए पुढवीए // 724 // वट्टे गं भंते ! संठाणे कइ. पएसिए कइपएसोगाढे प० ? गोयमा ! वट्टे संठाणे दुविहे प०, तं०-घणवटे य पयरवट्टे य, तत्थ गं जे से पयरवट्टे से दुविहे प०, तं०-ओयपएसिए य जुम्मपएसिए य, तत्थ णं जे से ओयपएसिए से जहणेणं पंचपएसिए पंचपएसोगाढे उक्कोसेणं अणंतपएसिए असंखेज्जपएसोगाढे, तत्थ णं जे से जम्मपएसिए से जहण्णेणं बारसपएसिए बारसपएसोगाढे उक्कोसेणं अणंतपए. सिए असंखेज्जपएसोगाढे, तत्थ णं जे से घणवट्टे से दुविहे प०, तं०-ओयपएसिए य जुम्मपएसिए य, तत्थ णं जे से ओयपएसिए से जहण्णेणं सत्तपएसिए सत्तपएसोगाढे 50, उक्कोसेणं अणंतपएसिए असंखेज्जपएसोगाढे प०, तत्थ गं जे से जुम्मपएसिए से जहण्णेणं बत्तीसपएसिए बत्तीसपएसोगाढे प०, उक्कोसेणं अगंतपएसिए असंखेज्जपएसोगाठे प० / तंसे गं भंते ! संठाणे कइपएसिए कइपएसोगाढे 50 ? गोयमा ! तंसे में संठाणे दुविहे प०, तं०-घणतंसे य पयरतंसे य, तत्थ गं जे से पयरतंसे से दुविहे प०, तं०-ओयपए सिए य जुम्म. पएसिए य, तत्थ गंजे से ओयपएसिए से जहण्मेणं तिपएसिए तिपएसोगाढे प०, उक्कोसेणं अणंतपएसिए असंखेज्जपएसोगाढे प०, तत्थ णं जे से जुम्मपए. सिए से जहण्णेणं छप्पएसिए छप्पएसोगाढे प०, उक्कोसेणं अणंतपएसिए असं. खेज्जपएसोगाढे प०, तत्थ णं जे से घणतंसे से दुविहे प०, तं०-ओयपएसिए य जुम्मपएसिए य, तत्थ णं जे से ओयपएसिए से जहणेणं पणतीसपएसिए पण. तीसपएसोगाढे उक्कोसेणं अगंतपएसिए तं चेव, तत्थ णं जे से जुम्मपएसिए से जहणणं चउप्पएसिए च उपएसोगा.प०, उक्कोसेणं अणंतपएसिए तं चेव / घउरंसे गं भंते ! संठाणे कइपएसिए० पुच्छा, गोयमा! चउरंसे संठाणे दुविहे प. भेदो जहेव वट्टस्स जाव तत्थ गंजे से ओयपएसिए से जहण्णेणं णवपएसिए णव. पएसोगाढे प०, उक्कोसेणं अणंतपएसिए असंखेज्जपएसोगाढे प०, तत्थ णं जे से जुम्मपएसिए से जहणेणं चउप्पएसिए चउप्पएसोगाढे प०, उक्कोसेणं अणंत. पएसिए तं चेव, तत्थ णं जे से घणचउरंसे दुविहे प०, तंजहा-ओयपएसिए य जम्मपए सिए य, तत्थ णं जे से ओयपएसिए से जहण्णणं सत्तावीसइपएसिए सत्तावीसइपएसोगाढे उक्कोसेणं अणंतपएसिए तहेव, तत्थ णं जे से जुम्मपए. सिए से जहण्णेणं अट्ठपएसिए अट्टपएसोगाढे प०, उक्कोसेणं अणंतपएसिए
SR No.004390
Book TitleAngpavittha Suttani
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRatanlal Doshi, Parasmal Chandaliya
PublisherAkhil Bharatiya Sadhumargi Jain Sanskruti Rakshak Sangh
Publication Year1982
Total Pages1476
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari, agam_acharang, agam_sutrakritang, agam_sthanang, agam_samvayang, agam_bhagwati, agam_gyatadharmkatha, agam_upasakdasha, agam_antkrutdasha, & agam_anutta
File Size23 MB
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