________________ भगवई स. 6 उ. 1 541 तहा णेयम्वो एसोवि, णवरं-चंदिमा भाणियव्वा // 227 // पंचमं सयं समत्तं // छठें सयं पढमो उद्देसो।। गाहा--वेयण 1 आहार 2 महस्सवे य 3 सपएस 4 तमुयाए 5 भविए। 6 साली 7 पुढवी 8 कम्म 6 अण्णउत्थि 10 दस छटुगंमि सए // 1 // से णणं भंते ! जे महावेयणे से महाणिज्जरे जे महाणिज्जरे से महावेयणे ? महा. बेयणस्स य अप्पवेयणस्स य से सेए जे पसत्थणिज्जराए ? हंता गोयमा ! जे महावेयणे एवं चेव / छट्ठसत्तमासु गं भंते ! पुढवीसु रइया महावेयणा ? हंता! महावेयणा / ते णं भंते ! समणेहितो णिग्गंहितो महाणिज्जरतरा? गोयमा ! णो इणठे समठे / से केणठेणं. भंते ! एवं वुच्चइ जे महावेयणे जाव पसस्थणिज्जराए ? गोयमा ! से जहाणामए दुवे वत्था सिया, एगे वत्थे कदमरागरत्ते एगे वत्थे खंजणरागरते एएप्ति गं गोयमा ! दोण्हं वत्थाणं कयरे वत्थे दुद्धोयतराए चेव दुवामतराए चेव दुपरिकम्मतराए चेव कयरे वा वत्थे सुद्धोयतराए चेव सुवामतराए चेव सुपरिकम्मतराए चेव, जे वा से वत्थे कह. मरागरसे जे वा से पत्थे खंजणरागरते ? भगवं ! तत्थ णं जे से वत्थे कद्दमरागरत्ते से गं वत्थे दुद्धोयतराए चेव दुवामतराए चेव दुप्परिकम्मतराए चेव, एवामेव गोयमा! गेरइयाणं पावाई कम्माइं गाढीकयाई चिक्कणीकयाइं सिलि. ट्ठीकयाई खिलीभूयाई भवंति संपगादपि य णं ते वेयणं वेएमाणा णो महाणिज्जरा णो महापज्जवसाणा भवंति / से जहा वा केइ पुरिसे अहिंगरणि आउडेमाणे महया 2 सद्देणं महया 2 घोसेणं महया 2 परंपराधाएणं णो संचाएइ तीसे अहिगरणीए केई अहाबायरे पोग्गले परिसाडित्तए एवामेव गोयमा! गैरह. याणं पावाई कम्माइं गाढीकयाइं जाव णो महापज्जवसाणा भवंति / भगवं! तत्थ जे से वत्थे खंजणरागरत्ते से णं वत्थे सुद्धोयतराए चेव सुवामतराए चेव सुपरिकम्मतराए चेव, एवामेव गोयमा ! समणाणं णिग्गंथाणं अहाबायराई कम्माइं सिढिलीकयाइं णिट्ठियाई कडाइं विप्परिणामियाई खिप्पामेव विद्धत्थाई भवंति, जावइयं तावइयंपि णं ते वेयणं वेएमाणा महागिज्जरा महा. पज्जवसाणा भवंति, से जहाणामए-केइ पुरिसे सुक्कं तणहत्थयं जायतेयंसि