________________ आयारो सु. 2 अ. 7 उ. 1, 2 85 गच्छेजा जे तेणं सयमेसित्तए पीढे वा फलए वा सेज्जा वा संथारए वा, तेण ते साहम्मिए अण्णसंभोइए समगुणे उवणिमंतेज्जा णो चेव णं परवडियाए उगिज्झिय 2 उवणिमंतेज्जा // 878 / / से आगंतारेसु वा 4 जाव से किं पुण तत्थोग्गहंसि एवोग्गहियंसि जे तत्थ गाहावईण वा गाहावइपुत्ताण वा सूई वा पिप्पलए वा कण्णसोहणए वा णहच्छेयणए वा तं अप्पणो एगस्स अट्ठाए पाडिहारियं जाइत्ता णो अण्णमण्णस्स देज वा अणुपएज वा सयं करणिज त्ति कटु से तमायाए तत्थ गच्छेजा गच्छित्ता पुत्वामेव उत्ताणए हत्थे कटु भूमीए वा ठवेत्ता 'इम खलु इमं खलु' त्ति आलोएज्जा, णो चेव णं सयं पाणिणा परपाणिंसि पञ्चप्पिणेज्जा // 879 / / से भिक्खू वा 2 से जं पुण उग्गहं जाणिज्जा अणंतरहियाए पुढवीए ससणिद्धाए पुढवीए जाव संताणाए तहप्पगारं उग्गहं णो उगिण्हेज वा पगिण्हेज्ज वा // 880 // से भिक्खू वा 2 से जं पुण उग्गहं जाणिज्जा थूणंसि वा 4 तहप्पगारे अंतलिक्खजाए दुब्बद्धे जाव णो उग्गहं उगिण्हेज्ज वा पगिण्हेज्ज वा // 881 // से भिक्खू वा 2 से जं पुण उग्गहं जाणिज्जा कुलियंसि वा जाव णो उगिण्हेज्ज वा 2 // 882 // से भिक्खू वा 2 खंधंसि वा 4 अण्णयरे वा तहप्पगारे जाव णो उग्गहं उगिण्हेज वा 2 // 883 / / से भिक्खू वा 2 से ज पुण उग्गहं जाणिज्जा ससागारियं सागणिय सउदयं सइत्थि सखुडूसपसु सभत्तपाणं णो पण्णस्स णिक्खमणपवेसे जाव धम्माणुओगचिंताए सेवं णच्चा तहप्पंगारे उवस्सए ससागारिए जाव सखुड्डपसु-भत्तपाणे णो उग्गहं उगिण्हेज्ज वा 2 / / 884 // से भिक्खू वा 2 से जं पुण उग्गहं जाणिज्जा गाहावइकुलस्स मज्झमज्झेणं गंतुं पंथे पडिबद्धं वा णो पण्णस्स जाव चिंताए से एवं णचा तहप्पगारे उवस्सए णो उग्गहं उगिण्हेज्ज वा 2 / / 885 // से भिक्खू वा 2 से जं पुण उग्गहं जाणिज्जा, इह खलु गाहावई वा जाव कम्मकरीओ वा अण्णमण्णं अक्कोसंति वा तहेव तेल्ल-सिणाण-सोओदगवियडादि णिगिणाइ य जहा सिज्जाए आलावगा णवरं उग्गहवत्तव्वया // 886 / / से भिक्खू वा 2 से जं पुण उग्गहं जाणिज्जा आइण्णसंलिक्खे णो पण्णस्स जाब चिंताए, तहप्पगारे उवस्सए णो उग्गहं उगिहिज्ज वा 2 // 887 // एयं खलु तस्स भिक्खुस्स 2 वा सामग्गियं // 888 / / उग्गहपडिमाज्झयणे पढमोद्देसो समत्तो॥ से आगंतारेसु वा 4 अणुवीइ उग्गहं जाएज्जा, जे तत्थ ईसरे समहिट्ठाए