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________________ 214 अंग-पविट्ठ सुत्ताणि काले चेव / दोभूयइंदा प० तं० सुरूवे चेव पडिरूवे चेव। दोनक्खिदा प० त० पुण्णभहे चेव माणिभद्दे चेव / दोरक्खसिंदा प० त० भीमे चेव महाभीमे चेव / 'दोकिण्णरिंदा प० तं० किण्णरे चेव किंपुरिसे चेव / दोकिंपुरिसिंदा प० त० सप्पुरिसे चेव महापुरिसे चेव। दोमहोरगिंदा प० तं० अइकाए चेव महाकाए चेव / दोगंधविंदा प० त० गीयरई चेव गीयजसे चेव / दोअणपण्णिदा प० तं० संणिहिए चेव, सामण्णे चेव / दोपणपण्णिदा प० त० धाए चेव विहाए चेव ।दोइसिवाइंदा प० तं० इसि चेव इसिवालए चेव / दोभूयवाइंदा प० तं० इस्सरे चेव महिस्सरे चेव / दोकंदिंदा प० तं सुवच्छे चेव विसाले चेव / दोमहाकदिंदा प० तं० हस्से चेव हस्सरई चेव / दोकुभंडिंदा प० तं० सेए चेव महासेए चेव / दोपयइंदा प० त० पयए चेव पयगवई चेव / जोइसियाणं देवाणं दोइंदा प० तं० चंदे चेव सूरे चेव / सोहम्मीसाणेसु णं कप्पेसु दोइंदा प० तं० सक्के चेव ईसाणे चेव / एवं सणंकुमारमाहिं देसु कप्पेसु दोइंदा प० तं० सणंकुमारे चेव माहिं दे चेव / बंभलोयलंतएसु णं दोइंदा प० त० बंभे चेव लंतए चेव / महासुक्कसहस्सारेसु णं कप्पेसु दोइंदा पण्णत्ता तंजहा-महासुके चव सहस्सारे चेव / आणयपाणयारणच्चुएसु णं कप्पेसु दोइंदा प० तं० पाणए चेव, अच्चुए चेव // 61 / / महासुक्कसहस्सारेसु णं कप्पेसु विमाणा दुवण्णा प० तं० हालिद्दा चेव सुकिल्ला चेव, गेविनगाणं देवाणं दो रयणीओ उड़े उच्चत्तेणं पण्णत्ता // 62 // बीयं ठाणं चउत्थो उद्देसो समयाइ वा आवलियाइ वा, जीवाइ वा अजीवाइ वा पवुच्चइ / आणापाणूइ वा, थोवाइ वा जीवाइ वा अजीवाइ वा पवुच्चइ / खणाइ वा लवाइ वा जीवाइ वा अजीवाइ वा पषुच्चइ / एवं मुहुत्ताइ वा, अहोरत्ताइ वा, पक्खाइ वा, मासाइ वा, उऊइ वा, अयणाइ वा, संवच्छराइ वा, जुगाइ वा, वाससयाइ वा, वाससहस्साइ वा, वाससयसहस्साइ वा, वासकोडीइ वा, पुग्वंगाइ वा, पुन्वाइ वा, तुडियंगाइ वा तुडियाइ वा अडडंगाइ वा अडडाइ वा, अववंगाइ वा, अववाइ वा हूहूअंगाइ वा, हूहूयाइ वा, उप्पलंगाइ वा, उप्पलाइ वा, पउमंगाइ वा, पउमाइ वा, णलिणंगाइ वा, णलिणाइ वा, अच्छणिउरंगाइ वा, अच्छणिउराइ वां, अउअंगाइ वा अउआइ वा, णउअंगाइ वा, पउआइ वा, पउअंगाइ बा, पउयाइ वा, चूलिअंगाइ
SR No.004390
Book TitleAngpavittha Suttani
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRatanlal Doshi, Parasmal Chandaliya
PublisherAkhil Bharatiya Sadhumargi Jain Sanskruti Rakshak Sangh
Publication Year1982
Total Pages1476
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari, agam_acharang, agam_sutrakritang, agam_sthanang, agam_samvayang, agam_bhagwati, agam_gyatadharmkatha, agam_upasakdasha, agam_antkrutdasha, & agam_anutta
File Size23 MB
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