________________ भगवई स. 3 उ. 7 सूलाइ वा मत्थयसू० जोणिसू० पाससू० कुच्छिसू० गाममारीइ वा णयर० खेड० कब्बड० दोणमुह० मडंब० पट्टण० आसम० संवाह० संणिवेसमारोइ वा पाणक्खया जणक्खया धणक्खया कुलक्खया वसणभूयमणारिया जे यावण्णे तहप्पगारा ण ते सक्कस्स देविदस्स देवरण्णो जमस्स महारणो अण्णाया० 5 तेसि वा जमकाइयाणं देवागं / / 164 // सक्कस्स णं देविदस्स देवरण्णो जमस्स महारणो इमे देवा अहावच्चा अभिण्णाया होत्था, तंजहा-अंबे 1 अंबरिसे चेव 2, सामे 3 सबलेत्ति यावरे 4 / रुद्दो ५-वरुद्दे 6 काले 7 य, महाकालेत्ति पावरे 8 // 1 // असिपत्ते 6 धणू 10 कुंभे 11 (असी य असिपत्ते कुंभे)वालू 12 वेयरणीइ य 13 / खरस्सरे 14 महाघोसे 15, एए पण्णरसाहिया // 2 // सक्कस्स णं देविंदस्स देवरण्णो जमस्स महारण्णो सत्तिभागं पलिओवमं ठिई प०, अहावच्चाभिण्णायाणं देवाणं एगं पलिओवमं ठिई पण्णता, एवंमहिड्डिए जाव जमे महाराया // 165 // कहि णं भंते ! सक्कस्स देविदस्स देवरण्णो वरुणस्स महारण्णो सयंजले णामं महाविमाणे पण्णत्ते ? गोयमा ! तत्स गं सोहम्मबडिसयस्स महाविमाणस्स पच्चत्थिमेणं सोहम्मे कप्पे असंखेज्जाई जहा सोमस्स तहा विमाणरायहाणीओ भाणियव्वा जाव पासायडिसया णवरं णाम. णाणत्तं / सक्कस्स गं वरुणस्स महारण्णो इमे देवा आणा० जाव चिट्ठति, तं०-वरुणकाइयाइ वा वरुणदेवयकाइयाइ वा णागकुमारा णागकुमारीओ उदहिकुमारा उदहिकुमारीओ थणियकुमारा थणियकुमारीओ जे यावण्णे तहप्पगारा सव्वे ते तब्भत्तिया जावं चिट्ठति / जंबदीवे 2 मंदरस्स पव्वयस्स दाहिणणं जाई इमाइं समुप्पज्जंति, तंजहा-अइवासाइ वा मंदवासाइ वा सुवुट्ठीइ वा दुन्दुट्ठीइ वा उदब्भयाइ वा उदप्पीलाइ वा उदवाहाइ वा पव्वाहाइ वा गाम. वाहाइ वा जाव सप्णिवेसवाहाइ वा पाणक्खया जाव तेसि वा वरुणकाइयाणे देवाणं / सक्कस्स गं देविदस्स देवरण्णो वरुणस्स महारण्णो जाव अहावच्चा. भिण्णाया होत्या, तंजहा-कक्कोडए कद्दमए अंजणे संखवालए पुंडे, पलासे मोए जए दहिमुहे अयंपुलें कायरिए / सक्कस्स णं देविदस्स देवरण्णो वरुणस्स महारण्णो देसूणाई दो पलिओवमाई ठिई पण्णत्ता, अहावच्चाभिण्णायाणं देवाणं एग पलिओवमं ठिई पण्णत्ता, एवंमहिड्डिए जाव वरुणे महाराया // 166 // कहि गं भंते ! सक्कस्स देविदस्स देवरग्णो वेसमणस्स महारण्णो वग्गू णाम महाविमाणे पण्णत्ते ? गोयमा ! तस्स गं सोहम्मडिसयस्स महाविमाणस्स