________________ भगवई स. 26 उ. 1 1017 1, अत्थेगइए बंधी बंधइ ण बंधिस्सइ 2, अत्थेगइए बंधी ण बंधइ ण बंधिस्सइ 4, सलेस्सेवि एवं चेव तइयविहणा भंगा, कण्हलेस्से जाव पम्हलेस्से पढमबिइया भंगा, सुक्कलेस्से तइयविहूणा भंगा, अलेस्से चरिमो भंगो, कण्हपक्खिए पढमबिइया भंगा, सुक्कपक्खिया तइयविहणा, एवं सम्मदिहिस्सवि, मिच्छा. दिहिस्स सम्मामिच्छादिद्धिस्स य पढमबिइया, णाणिस्स तइयविहूणा, आभिणिबोहियणाणी जाव मणपज्जवणाणी पढमबिइया, केवलणाणी तइयविहूणा, एवं जोसण्णोवउत्ते अवेयए अकसाई सागारोवउत्ते अणागारोवउत्ते एएसु तइयविहूणा, अजोगिम्मि य चरिमो, सेसेसु पढमबिइया। रइए गं भंते ! वेयणिज्ज कम्म कि बंधी बंधइ बंधिस्सइ० एवं रइया जाव वेमाणियत्ति जस्स जं अस्थि सव्वत्थवि पढमबिइया, णवरं मणुस्से जहा जीवे / जीवे गं भंते ! मोहणिज्जं कम्मं कि बंधी बंधइ० जहेव पावं कम्मं तहेव मोहणिज्जपि णिरवसेसं जाव वेमाणिए // 812 // जीवे गं भंते ! आउयं कम्मं किं बंधी बंधइ० पुच्छा, गोयमा ! अत्थेगइए बंधी चउभंगो, सेसस्से जाव सुक्कलेस्से चत्तारि भंगा, अलेस्से चरिमो भंगो। कण्हपक्खिए गं पुच्छा, गोयमा ! अत्थेगइए बंधी बंधइ बंधिस्सइ अत्थेगइए बंधी ण बंधइ बंधिस्सइ, सुक्कपक्खिए सम्मदिट्ठी मिच्छा. दिट्ठी चत्तारि भंगा / सम्मामिच्छादिट्ठी पुच्छा, गोयमा ! अत्थेगइए बंधी ण बंधइ बंधिस्सइ अत्थेगइए बंधी ण बंधइ ण बंधिस्सइ, गाणी जाव ओहिणाणी चत्तारि भंगा। मणपज्जवणाणी पुच्छा, गोयमा! अत्यंगइए बंधी बंधइ बंधिस्सइ, अत्थेगइए बंधी ण बंधई बंधिस्सइ, अत्थेगइए बंधी ण बंधइ ण बंधिस्सइ, केवलणाणे चरिमो भंगो, एवं एएणं कमेणं णोसण्णोवउत्ते बिइयविहणा जहेव मणपज्जवणाणे, अवेयए अकसाई य तइयचउत्था जहेव सम्मामिच्छत्ते, अजो. गिम्मि चरिमो, सेसेसु पएसु चत्तारि भंगा जाव अणागारोवउत्ते / रइए णं मंते ! आउयं कम्म कि बंधी० पुच्छा, गोयमा! अत्थेगइए चत्तारि भंगा एवं सम्वत्थवि रइयाणं चत्तारि भंगा णवरं कण्हलेस्से कण्हपक्खिए य पढमतइया भंगा, सम्मामिच्छत्ते तइयचउत्था, असुरकुमारे एवं चेव, णवरं कण्हलेस्सेवि चत्तारि मंगा भाणियव्वा सेसं जहा रइयाणं एवं जाव थणियकुमाराणं, पुद विक्काइयाणं सम्वत्थवि चत्तारि भंगा, णवरं कण्हपक्खिए पढमतइया भंगा। तेउलेस्से पुच्छा; गोयमा ! बंधी ण बंधइ बंधिस्सइ, सेसेसु सम्वत्थ चत्तारि भंगा, एवं आउक्काइयवणस्सइकाइयाणवि गिरवसेसं, तेउक्काइयवाउक्काइयाणं