________________ 1332 अंग-पविट्ठ सुत्ताणि सढे कण्हे णिग्गए गोरी जहा पउमावई तहा णिग्गया धम्मकहा परिसा पडि. गया, कण्हे-वि / तए णं सा गोरी जहा पउमावई तहा णिक्खंता जाव सिद्धा 5 / एवं गंधारी / लक्खणा / सुसीमा / जंबवई / सच्चभामा। रुप्पिणी। अवि पउमावई सरिसाओ अट्ठ अज्झयणा // १०॥..ण० तेणं कालेणं तेणं समएणं बारवईए णयरीए रेवयए प० गंदणवणे उ० कण्हे० तत्थ गं बारवईए णयरीए कण्हस्स वासुदेवस्स पुत्तए जंबवईए देवीए अत्तए संबे णाम कुमारे होत्था अहीण. तस्स गं संबस्स कुमारस्स मलसिरी णामं भारिया होत्था वण्णओ,अरहा समोसढे कण्हे णिग्गए मूलसिरी-वि णिग्गया जहा पउमावई जं णवरं देवाणुप्पिया ! कण्हं वासुदेवं,आपुच्छामि जाव सिद्धा / एवं मूलदत्ता-वि पचमो वग्गो // 11 // छट्टो वग्गो जइ णं भ० छट्ठमस्स उक्खेवओ णवरं सोलस अज्झयणा प०, तं- मकाई किंकमे चेव मोग्गरपाणी य कासवे / खेमए धिइहरे चेव केलासे हरिचंदणे // 1 // वारत्तसुदंसणपुण्णभद्दसुमणभद्दसुपइठे मेहे / अइमृत्ते य अलक्खे अज्झयणाणं तु सोलसयं // 2 // जइ सोलस अज्झयणा प० पढमस्स अज्झयणस्स के अछे पण्णत्ते ? एवं खल जंब ! तेणं कालेणं तेणं समएणं रायगिहे णयरे गणसिलए चेइए सेणिए राया, तत्थ णं मकाई-णाम गाहावई परिवसइ अड्ढे जाव अपरिभए / तेणं कालेणं तेणं समएणं समणे भगवं महावीरे आइगरे गणसिलए जाव विहरइ परिसा णिग्गया, तए णं से मकाई गाहावई इमीसे कहाए लठे जहा पण्णत्तीए गंगदत्ते तहेव इमोवि जेट्टपुत्तं कुडुंबे ठवेत्ता पुरिससहस्सवाहिणीए सीयाए णिक्खंते जाव अणगारे जाए ईरियासमिए० तए णं से मकाई अणगारे समणस्स भगवओ महावीरस्स तहा. रूवाणं थेराणं अंतिए सामाइयमाइयाई एक्कारस अंगाई अहिज्जइ सेसं जहा खंदगस्स, गणरयणं तवोकम्म सोलसवासाइं परियाओ तहेव विउले सिद्धे / दो० उ० किंकमे वि एवं चेव जाव विउले सिद्ध // 12 // त० ए० ख० ज० तेणं कालेणं तेणं समएणं रायगिहे ण० गुणसिलए चेइए सेणिए राया चेल्लणादेवी वण्णओ, तत्थ रायगिहे णयरे अज्जुणए णाम मालागारे परिवसइ, अड्ढे०