________________ 610 अंग-पविट्ठ सुत्ताणि कायसा 34, अहवा ण कारवेइ मणसा वयसा 35, अहवा ण कारवेइ मणसा कायसा 36, अहवा ण कारवेइ वयसा कायसा 37, अहवा करेंतं णाणुजाणइ मणसा वयसा 38, अहवा करेंतं णाणुजाणइ मणसा कायसा 36, अहवा करेंतं णाणुजाणइ वयसा कायसा 40 एक्कविहं एगविहेणं पडिक्कममाणे ण करेइ मणसा 41, अहवा ण करेइ वयसा 42, अहवा ण करेइ कायसा 43, अहवा ण कारवेइ मणसा 44, अहवा ण कारवेइ वयसा 45, अहका ण कारवेइ कायसा 46, अहवा करेंतं णाणुजाणइ मणसा 47 अहवा करेंतं णाणु. जाणइ वयसा 48, अहवा करेंत णाणुजाणइ कायसा 46 / पडुप्पण्णं संवरेमाणे कि तिविहं तिविहेणं संवरेइ ? 'एवं जहा पडिक्कममाणेणं एगुणपण्णं मंगा भणिया एवं संवरमाणेणवि एगणपण्णं मंगा भाणियव्वा / अणागयं पच्चक्ख. माणे कि तिविहं तिविहेणं पच्चक्खाइ ? एवं ते चेव भंगा एगणपण्णं भाणि. यव्वा जाव अहवा करेंतं णाणुजाणइ कायसा / समणोवासयस्स णं भंते ! पुवामेव थूलए मुसावाए अपच्चक्खाए भवइ से णं भंते ! पच्छा पच्चाइक्खमाणे० एवं जहा पाणाइवायस्स सीयालं भंगसयं भणियं तहा मसावायस्सवि भाणियव्वं / एवं अदिण्णादाणस्सवि, एवं थूलगस्स मेहुणस्सवि थूलगस्स परि. ग्गहस्सवि जाव अहवा करेंत णाणुजाणइ कायसा / एए खलु परिसगा समणो. वासगा भवंति, णो खलु एरिसगा आजीवियोवासगा भवंति // 328 // आजी. वियसमयस्स णं अयमठे पण्णते अक्खीणपडिभोइणो सव्वे सत्ता से हंता छत्ता भेत्ता लुंपित्ता विलुपित्ता उद्दवइत्ता आहारमाहारेंति तत्थ खलु इमे वालस आजीवियोवासगा भवंति, तंजहा-ताले, 1 तालपलंबे, 2 उविहे, 3 संविहे, 4 अवविहे, 5 उदए. 6 णामुदए, 7 णम्मदए, 8 अणुवालए, ह संखवालए, 10 अयंपुले, 11 कारिए, 12, इच्चेएदुवालस आजीवियोवासगा अरिहंतदेवयागा अम्मापिउसुस्सूसगा पंचफलपडिक्कंता तंजहा उंबरेहि, वहि, बोरेहि, सतरेंहि, पिलखूहि, पलंडुल्हसुणकंदमूलविवज्जगा अणिल्लंछिएहि अणक्कभिण्णेहि गोणेहिं तसपाणविवज्जिएहिं चि (वि) तेहि वित्ति कप्पेमाणा विहरंति एएवि ताव एवं इच्छंति, किमंग ! पुण जे इमे समणोवासगा भवंति जेसि णो कप्पंति इमाइं पण्णरस कम्मादाणाई सयं करेत्तए वा कारवेत्तए वा करेंतं वा अण्णं समणुजाणेत्तए तंजहा-इंगालकम्मे, वणकम्मे, साडीकम्मे,