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________________ सूयगडो सु. 1 अ. 6 127 अभिजुजिया रुद्द असाहुकम्मा उसुचोइया हत्थिवहं वहति / एगं दुरूहित्तु दुवे तओ वा आरुस्स विझंति ककाणओ से // 15 // बाला बला भूमिमणुक्कमंता पविजलं कंटइलं महंतं / विवद्धतप्पेहि विवण्णचित्त समीरिया कोट्ठबलिं करेंति // 16 / / वेयालिए णाम महाभितावे एगायए पव्वयमंतलिक्खे / हम्मति तत्था बहुकूरकम्मा परं सहस्साण मुहुत्तगाणं // 17 // संबाहिया दुक्कडिणो थणंति अहो य राओ परितप्पमाणा / ए गंतकूडे णरए महंते कूडेण तत्था विसमे हया उ // 18 // भंजंति णं पुव्वमरीसरोसे समुग्गरे ते मुसले गहेउं / ते भिण्णदेहा रुहिरं वर्मता ओमुद्धगा धरणितले पडंति // 19 / / अणासिया णाम महासियाला पागभिणो तत्थ सयावकोवा / खजति तत्था बहुकूरकम्मा अदूरगा संकलियाहि बद्धा // 20 // सयाजला णाम णई भिदुग्गा पविज्जलं लोहविलीणतत्ता। जैसी भिदुग्गंसि पवज्जमाणा एगायताणुकमणं करेंति / / 21 / / एयाइं फासाइं फुसंति बालं णिरंतरं तत्थ चिरट्ठिईयं / ण हम्ममाणस्स उ होइ ताणं एगो सयं पचणुहोइ दुक्खं // 22 // जं जारिसं पुव्वमकासि कम्मं तमेव आगच्छइ संपराए / एगंतदुक्खं भवमज्जणित्ता वेयंति दुक्खी तमणंतदुक्खं // 23 // एयाणि सोचा णरगाणि धीरे ण हिंसए किंचण सव्वलोए / एंगंतदिट्ठी अपरिग्गहे उ बुज्झिज्ज लोगस्स वसं ण गच्छे / / 24 / / एवं तिरिक्खेमणुयासु(म)रेसु चउरंतणंतं तयणुविवागं / स सव्वमेयं इइ वेयइत्ता कंखेज्ज कालं धुयमायरेज्ज / / 25 // त्ति बेमि // // महावीरत्थुई णाम छठें अज्झयणं // . पुच्छिस्सु णं समणा माहणा य अगारिणो या परतित्थिया य / से केई णेगंतहियं धम्ममाहु अणेलिसं साहुसमिक्खयाए // 1 // कहं च गाणं कह दसणं से सील कहं णायसुयस्स आसि / जाणासि णं भिक्खू जहातहेणं अहासुयं ब्रूहि जहा णिसंतं / / 2 // खेयण्णए से कुसलासुपण्णे अणंतणाणी य अणंतदंसी / जसंसिणो चक्खुपहे ठियस्स जाणाहि धम्मं च घिइं च पेहि // 3 // उर्दू अहे यं तिरिय दिसासु तसा य जे थावर जे य पाणा / से णिचणिच्चेहि समिक्ख पण्णे दीवे व धम्म समियं उदाहु // 4 // से सव्वदंसी अभिभूयणाणी णिरामगंधे धिइमं ठियप्पा। अणुत्तरे सव्वजगसि विजं गंथा अईए अभए अणाऊ // 5 // से भूइपण्णे अणिएअचारी ओहंतरे धीरे अणतचक्खू / अणुत्तरं तप्पइ सूरिए वा वइरोयणिंदे व
SR No.004390
Book TitleAngpavittha Suttani
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRatanlal Doshi, Parasmal Chandaliya
PublisherAkhil Bharatiya Sadhumargi Jain Sanskruti Rakshak Sangh
Publication Year1982
Total Pages1476
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari, agam_acharang, agam_sutrakritang, agam_sthanang, agam_samvayang, agam_bhagwati, agam_gyatadharmkatha, agam_upasakdasha, agam_antkrutdasha, & agam_anutta
File Size23 MB
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