________________ 334 अंग-पविट्ठ सुत्ताणि जाब सरखवालस्स, एवं भूयाणंदस्स वि, एवं लोगपालाणं वि से जहा धरणस्म, एवं जाव थणिय कुमाराणं सलोगपालाणं भागियव्यं, सचेसि उप्पायधया भाणियया सरिसणामगा / / 4 / / सक्कस्स णं देविंदस्म देवरणो सक्कप्पभे उप्पायपव्वए दस जोयणसहस्साई उर्दू उच्चत्तेणं दसगाउयसहस्साई उध्वे हेणं मूले दस जोयणसहस्साई विखंभेणं 10 / / 50 // र कस्स णं देविंदस्स देवरणो सोमस्स महारणो जहा सकस्स तहा सव्वेसिं लोगपालाणं सव्वेसिं च इंदाणं जाव अच्चुयत्ति सव्वेसिं पमाणमेगं / / 51 // वायरवणस्सइकाइयाणं उक्कोसणं दस जोयणसयाई सरीरोगाहणा प० / / 52 // जलचरपंचिंदियतिरिक्वजोणियाणं उक्कोसणं दस जोयणसयाई सरीरोगाहणा प० / उरपरिमपथलचरपंचिदियतिरिक्वजाणियाणं उकोमणं एवं चेव / / 53 // सभवाओ णं अरहाओ अभिणदणे अरहा दहिं सागरोवमको डिसयसहस्पहिं व इकंतेहिं सा.प्पण्णे / / 54 // दमविहे अणतए प० तं. णामाणतए ठवणाणतए दवाणतए गणणाणतए पएसाणतए एगओणतए दुहओणंतए देसवित्थ राणतए सव्ववित्थाराणंतए सासयाणतए / / 55 // उप्पायपुवस्स णं दस वत्यू प० / / 56 / / अत्थिणत्थिप्पवाय पुव्यस्स णं दस चूलवत्थू प० // 57 / / दसविहा पडिसेवणा प० तं०-दप्प पमाय गोमोगे आउरे आवइसु य, संकिए सहसकारे भयपओसा य वीममा / / 58 // दस आलोयणा दोसा ए० तं० आइत्ता अणुमाणइत्ता जंदिलं बायरं च सुहम वा, हण सद्दा उलगं बहुजण अव्यत्त तस्सेवी / / 59 // दसहि ठाणेहिं सपण्णे अणगारे अरिहइ अत्तदोसमालोए. त्तर तं०-जाइसंपण्णे कुलसंपणे एवं जहा अट्टहाणे जाव खंते दंते अमाई अपच्छाणुयावी // 60 // दमहिं ठाणेहिं संपणे अणगारे अरिहइ आलोयणं पडिच्छित्तए तं०-आयारवं अवहारवं जाव अवायदंसी पियधम्म दढयम्मे // 61 / / दसविहे पायच्छित्ते प० तं०-आलोयणारिहे जाव अणवठ्ठप्पारिहे पारंचियारिहे / 62 // दसविहे मिच्छत्ते प० तं०-अधम्मे धम्ममण्णा धम्मे अधम्मसण्णा उम्मग्गे मग्गसण्णा मग्गे उम्मग्गसण्णा अजीवेसु जीवसण्णा जीवेसु अजीवसण्णा असाहुम साहूसण्णा साहुसु असाहुसण्णा अमुत्तेसु मुत्तसण्णा मुत्तेसु अमुत्तसण्णा / / 63 / / चंदप्पभे णं अरहा दस पुव्यसयसहस्साई रुवाउयं पालइत्ता सिद्धे जावप्पहीणे // 64 // धम्मे णं अरहा दस वाससयसहस्साई सव्वाउयं पालइत्ता सिद्धे जाव