________________ भगवई स. 2 उ. 1 इठे कंते पिए मणुण्णे मणामे थेज्जे वेस्सासिए संमए बहुमए अणुमए भंडकरंडगसमाणे माणं सीयं माणं उण्हं मा णं खुहा मा णं पिवासा मा णं चोरा मा गं वाला मा णं दंसा मा णं मसगा मा णं वाइयपित्तियसेंभियसंणिवाइयविविहा रोगायंका परीसहोवसग्गा फुसंतु त्ति कटु एस मे णित्थारिए समाणे परलोयस्स हियाए सुहाए खमाए गोसेसाए आणुगामियत्ताए भविस्सइ, तं इच्छामि गं देवाणुप्पिया! सयमेव पव्वावियं सयमेव मुंडावियं सयमेव सेहावियं सयमेव सिक्खावियं सयमेव आयारगोयरं विणयवेणइयचरणकरणजायामायावत्तियं धम्ममाइविखयं / तए णं समणे भगवं महावीरे खंदयं कच्चायणस्सगोत्तं सयमेव पवावेइ जाव धम्ममाइक्खइ, एवं देवाणुप्पिया ! गंतव्वं एवं चिट्ठियव्वं एवं णिसीइयव्वं एवं तुयट्टियव्वं एवं भंजियव्वं एवं भासियव्वं एवं उट्ठाए 2 पाणेहिं भूएहि जोवेहि सर्तेहिं संजमेणं संजमियव्वं, अस्सि च णं अट्ठे णो किचिवि पमाइयव्वं / तए णं से खंदए कच्चायणस्सगोत्ते समणस्स भगवओ महावीरस्स इमं एयारूवं धम्मियं उवएसं सम्मं संपडिवज्जइ तमाणाए तह गच्छइ तह चिट्ठइ तह णिसीयइ तह तुयट्टइ तह भुंजइ तह भासइ तह उट्ठाए 2 पाणेहि भूएहिं जीवेहि सत्तेहिं संजमेणं संजमेइ, अस्सि च गं अट्ठे णो पमायइ / तए णं से खंदए कच्चाय० अणगारे जाए इरियासमिए भासासमिए एसणासमिए आयाणभंडमत्तणिक्खेवणासमिए उच्चारपासवणखेलसिंघाणजल्लपारिद्वावणियासमिए मणसमिए वयसमिए कायसमिए मणगुत्ते वइगुत्ते कायगुत्ते गुत्ते मुत्तिदिए गुत्तबंभयारी चाई लज्जू धणे खंतिखमे जिइंदिए सोहिए अणियाणे अप्पुस्सुए अबहिल्लेस्से सुसामण्णरए दंते इणमेव णिग्गंथं : पावयणं पुरओ काउं विहरइ // 61 / तए णं समणे भगवं महावीरे कयंगलाओ णयरीओ छत्तपलासयाओ चेइयाओ पडिणिक्खमइ 2 बहिया जणवयविहारं विहरइ / तए णं से खंदए अणगारे समणस्स भगवओ महावीरस्स तहारूवाणं थेराणं अंतिए सामाइयमाइयाई एक्कारस अंगाई अहिज्जइ२ जेणेव समणे भगवं महावीरे तेणेव उवागच्छइ 2 समणं भगवं महावीरं वंदइ णमंसइ 2 एवं वयासी-इच्छामि गं भंते ! तुर्भेहिं अब्भणुण्णाए समाणे मासियं भिक्खुपडिम उवसंपज्जित्ता णं विहरित्तए / अहासुहं देवाणुप्पिया ! मा पडिबंधं / तए णं से खंदए अणगारे समणेणं भगवया महावीरेणं अब्भणुण्णाए समाणे हट्ठे जाव णमंसित्ता मासियं भिक्खुपडिमं उवसंपज्जित्ता णं विहरइ / तए गं