________________ 556 अंग-पविटु सुत्ताणि पमाणेणं छ अंगुलाणि पाओ, बारस अंगुलाई विहत्थी, चउव्वीसं अंगुलाई रयणी अडयालीसं अंगुलाई कुच्छी, छण्णउइ अंगलाणि से एगे दंडेइ वा धणूइ वा जुएइ वा णालियाइ वा अक्खेइ वा मुसलेइ वा, एएणं धणुप्पमाणेणं दो धणुसहस्साई गाउयं, चत्तारि गाउयाइं जोयणं, एएणं जोयणप्पमाणेणं जे पल्ले जोयणं आयाम विक्खं भेणं जोयणं उड्ढं उच्चत्तेणं तं तिउणं सविसेसं परिरएणं से णं एगाहियबेयाहियतेयाहिय उक्कोसं सत्तरत्तप्परूढाणं संमठे संणिचिए भरिए वालग्गकोडीणं ते णं वालग्गे णो अग्गी दहेज्जा णो वाऊ हरेज्जा णो कुत्थेज्जा णो परिविद्धसेज्जा णो पूइत्ताए हबमागच्छेज्जा, तओ णं वाससए 2 एगमेगं वालग्गं अवहाय जावइएणं कालेणं से पल्ले खोणे णीरए णिम्मले णिट्ठिए पिल्लेवे अवहडे विसुद्धे भवइ, से पलिओवमे / गाहा-एएसि पल्लाणं कोडाकोडी हवेज्ज दसगुणिया / तं सागरोवमस्स उ एक्कस्स भवे परिमाणं // 1 // एएणं सागरोवमपमाणेणं चत्तारि सागरोवमकोडाकोडीओ कालो सुसमसुसमा 1 तिण्णिसागरोवमकोडाकोडीओ कालो सुसमा 2 दो सागरोवमकोडाकोडीओ कालो सुसमदुसमा 3 एगा सागरोवमकोडाकोडी बायालीसाए वाससहस्सेहि ऊणिया कालो दुसमसुसमा 4 एक्कवीसं वाससहस्साई कालो दुसमा 5 एक्कवीसं वाससहस्साई कालो दुसमदुसमा 6 / पुणरवि उस्सप्पिणीए एक्क. वीसं वाससहस्साई कालो दुसमदुसमा 1 एक्कवीसं वाससहस्साइं जाव चतारि सागरोवमकोडाकोडीओ कालो सुसमसुसमा, दस सागरोवमकोडाकोडीओ कालो ओसप्पिणी दस सागरोवमकोडाकोडीओ कालो उस्सप्पिणी वीसं सागरोवमकोडाकोडीओ कालो ओसप्पिणी उस्सप्पिणी य // 246 // जंबुद्दीवे गं भंते ! दीवे इमीसे ओसप्पिणीए सुसमसुसमाए समाए उत्तमट्ठपत्ताए भरहस्स वासस्स केरिसए आयारभावपडोयारे होत्था ? गोयमा ! बहुसमरमणिज्जे भूमिभागे होत्था, से जहाणामए-आलिंगपुक्खरेइ वा एवं उत्तरकुरुवत्तव्वया णेयव्वा जाव आसयंति सयंति तीसे गं समाए भारहे वासे तत्थ 2 देसे 2 तहिं 2 बहने उराला कुद्दाला जाव कुसविकुसविसुद्धरुक्खमूला जाव छव्विहा मणुस्सा अणु. सज्जित्था प०, तं०-पम्हगंधा 1 मियगंधा 2 अममा 3 तेयली 4 सहा 5 सणिचारी 6 / सेवं भंते ! सेवं भंते ! ति // 247 // .