________________ भगवई स. 25 उ. 7 1001 पडिवण्णए पड़च्च सिय अत्थि सिय पत्थि, जइ अस्थि जहणेणं एक्को वा दो वा तिणि वा उक्कोसेणं सयपुहुत्तं / सिणायाणं पुच्छा, गोयमा ! पडिवज्जमाणए पड़च्च सिय अत्थि सिय णस्थि, जइ अस्थि जहणणं एक्को वा दो वा तिणि वा उक्कोसेणं अट्ठसयं, पुव्वपडिवण्णए पडुच्च जहण्णेणं कोडिपुटुत्तं उक्कोसेवि कोडिपुत्तं। एएसि गं भंते ! पुलागबउसपडिसेवणाकुसीलकसाय. कुसीलणियंठसिणायाणं कयरे 2 जाव विसेसाहिया वा ? गोयमा ! सम्वत्थोवा णियंठा, पुलाया संखेज्जगुणा, सिणाया संखेज्जगणा, बउसा संखेज्जगुणा, पडिसेवणाकुसीला संखेज्जगुणा, कसायकुसीला संखेज्जगुणा / सेवं भंते ! सेवं भंते ! ति जाव विहरइ // 784 // . पंचवीसइमं सयं सत्तमो उद्देसो कइ णं भंते ! संजया प. ? गोयमा ! पंच संजया प०, तं०-सामाइय. संजए छेओवढावणियसंजए परिहारविसुद्धियसंजए सुहुमसंपरायसंजए अहक्खाय. संजए / सामाइयसंजए गं भंते ! कइविहे पणत्ते ? गोयमा ! दुविहे पण्णत्ते, तंजहा-इत्तरिए य आवकहिए. य, छओवट्ठावणियसंजए पुच्छा, गोयमा ! दुविहे प०, तं०-साइयारे पणिरइयारे य / परिहारविसुद्धियसंजए पुच्छा, गोयमा ! दुविहे प०, तं०-गिग्विसमाणए यणिविटुकाइए य / सुहुमसंपराय० पुच्छा, गोयमा ! दुविहे .प०, तं०-संफिलिस्समाणए य विसुद्धमाणए य / अहक्खायसंजए पुच्छा, गोयमा ! दुविहे प०, तं०-छउमत्थे य केवली य। गाहाओ-सामाइयंमि उ कए चाउज्जामं आणुत्तरं धम्मं / तिविहेण फासयंतो सामाइयसंजओ स खलु // 1 // छत्तूण उ परियागं पोराणं जो ठवेइ अप्पाणं / ‘धम्ममि पंचजामे छेओवट्ठावणो स खलु // 2 // परिहरइ जो विसुद्धं तु पंच. जामं अणुत्तरं धम्मं / तिविहेणं फासयंतो परिहारियसंजओ स खलु // 3 // लोमाण वेययंतो जो खलः उवसामओ व खवओ वा। सो सुहुम संपराओ महखाया ऊणओ किंचि // 4 // उवसंते खीणमि व जो खलु कम्ममि मोहणिज्जमि / छउमत्थो व जिणो वा अहखाओ संजओ स खलु // 5 // 785 // सामाइयसंजए गं मंते ! कि सवेयए होज्जा अवेयए होज्जा ? गोयमा ! सवेयए वा होज्जा अवेयए वा होज्जा, जइ सवेयए होज्जा० एवं जहा कसाय