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________________ 620 अंग-पविट्ठ सुत्ताणि बंधी बंधइ ण बंधिस्सइ 2 बंधी ण बंधइ बंधिस्सइ 3 बंधी ण बंधइ ण बंधिस्सइ 4 ? गोयमा ! अत्थेगइए बंधी बंधइ बंधिस्सई 1 अत्यंगइए. बंधी बंधइ ण बंधिस्सइ 2 अत्थेगइए बंधी ण बंधइ बंधिस्सइ 3 अत्थेगइए बंधी ण बंधइ ण बंधिस्सइ / तं भंते ! कि साइयं सपज्जवसियं बंधइ ? पुच्छा तहेव, गोयमा ! साइयं वा सपज्जवसियं बंधइ अणाइयं वा सपज्जवसियं बंधइ अणाइयं वा अपज्जवसियं बंधइ णो चेव णं साइयं अपज्जवसियं बंधइ / तं भंते ! कि देसेणं देसं बंधइ० एवं जहेव इरियावहियाबंधगस्स जाव सम्वेणं सव्वं बंधइ // 341 // कइ णं भंते ! कम्मपयडीओ पण्णत्ताओ ? गोयमा ! अट्ठ कम्मपयडीओ पण्णत्ताओ? तंजहा-जाणावरणिज्जं जाव अंतराइयं / कइ णं भंते ! परीसहा पण्णता ? गोयमा ! बावीसं परीसहा प०, तंजहा-दिगिछापरीसहे, पिवासापरीसहे, जाव दंसणपरीसहे / एए णं भंते ! बावीसं परीसहा कइसु कम्मपयडीसु समोयरंति ? गोयमा ! चउसु कम्मपयडीसु समोयरंति, तंजहा-णाणावरणिज्जे, वेयणिज्जे, मोहणिज्जे, अंतराइए। णाणावरणिज्जे णं भंते ! कम्मे कइ परीसहा समोयरंति ? गोयमा ! दो परीसहा समोयरंति, तं०-पण्णापरीसहे णाणपरीसहे य / वेयणिज्जे णं मंते ! कम्मे कइ परीसहा समोयरंति ? गोयमा ! एक्कारस परीसहा समोयरंति, तंजहा-पंचेव आण. पुवी चरिया सेज्जा वहे य रोगे य। तणफास जल्लमेव य एक्कारस वेयणिज्जमि ॥१॥दसणमोहणिज्जे णं भंते ! कम्मे कइ परीसहा समोयरंति ? गोयमा ! एगे दंसणपरीसहे समोयरइ / चरित्तमोहणिज्जे गं भंते ! कम्मे कइ परीसहा समोयरंति ? गोयमा! सत्त परीसहा समोयरंति, तंजहा-अरई अचेल इत्थी णिसीहिया जायणा य अक्कोसे / सक्कारपुरक्कारे चरितमोहंमि सत्तेए // 1 // अंतराइए णं भंते | कम्मे कइ परीसहा समोयरंति ? गोयमा ! एगे अलाभपरीसहे समोयरइ / सत्तविहबंधगस्स गं भंते ! कइ परीसहा पण्णता? गोयमा ! बावीसं परीसहा पण्णता, वीसं पुण वेएइ, जं समयं सीयपरीसहं वेएइ णो तं समयं उसिणपरीसहं वेएइ जं समयं उसिणपरीसहं वेएइ णो तं समयं सीयपरीसहं वेएइ, जं समयं चरियापरीसहं वेएइ णो तं समयं णिसी. हियापरीसहं वेएइ जं समयं णिसीहियापरीसह वेएइ णो तं समयं चरियापरीसहं वेएइ / एवं अट्ठविहबंधगस्सवि / छव्विहबंधगस्स णं भंते !
SR No.004390
Book TitleAngpavittha Suttani
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRatanlal Doshi, Parasmal Chandaliya
PublisherAkhil Bharatiya Sadhumargi Jain Sanskruti Rakshak Sangh
Publication Year1982
Total Pages1476
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari, agam_acharang, agam_sutrakritang, agam_sthanang, agam_samvayang, agam_bhagwati, agam_gyatadharmkatha, agam_upasakdasha, agam_antkrutdasha, & agam_anutta
File Size23 MB
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