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________________ भगवई स. 1 उ. 5 435 50, तंजहा-जहणिया ठिई समयाहिया जहण्णिया ठिई दुसमयाहिया जाव असंखेज्जसमंयाहिया जहण्णिया ठिई तप्पाउग्गुक्कोसिया ठिई / इमीसे गं भंते ! रयणप्पभाए पुढवीए तीसाए णिरयावाससयसहस्सेसु एगमेगंसि णिरयावासंसि जहण्णियाए ठिईए वट्टमाणा णेरइया कि कोहोवउत्ता माणोवउत्ता मायोघउत्ता लोभोवउत्ता ? गोयमा ! सव्वेवि ताव होज्जा कोहोवउत्ता 1, अहवा कोहोवउत्ता य माणोवउत्ते य 2, अहवा कोहोवउत्ता य माणोवउत्ता य 3, अहवा कोहोवउत्ता य मायोवउत्ते य 4, अहवा कोहोवउत्ता य मायोवउत्ता यं 5, अहवा कोहोवउत्ता य लोभोवउत्ते य 6, अहवा कोहोवउत्ता य लोभोवउत्ता य 7 / अहवा कोहोवउत्ता य माणोवउत्ते य मायोवउत्ते य 1 कोहोवउत्ता य माणोवउत्ते य मायोवउत्ता य 2, कोहोवउत्ता य माणोवउत्ता य मायोवउत्ते य 3, कोहोवउत्ता य माणोवउता य मायोवउत्ता य 4 एवं कोहमाणलोभणवि घउ 4, एवं कोहमायालोभेणवि चउ 4 एवं 12, पच्छा माणेण मायाए लोभेण कोहो भइयव्वो, ते कोहं अमंचता 8, एवं सत्तावीसं भंगा णेयध्या / इमीसे गं भंते ! रयणप्पभाए पुढपीए तीसाए णिरयावाससयसहस्सेसु. एगमेगंसि णिरयावासंसि समयाहियाए जहण्णट्टिईए वट्टमाणा गेरइया कि कोहोवउत्ता माणोवउत्ता मायोवउत्ता लोमोवउत्ता? गोयमा ! कोहोवउत्ते य माणोवउत्ते य मायोवउत्ते य लोभोवउत्ते य, कोहोवउत्ता य माणोवउत्ता य मायोवउत्ता य लोभोवउत्ता य, अहवा कोहोवउत्ते य माणोवउत्ते य अहवा कोहोवउत्ते य माणोवउत्ता य एवं असीइ भंगा णेयव्वा, एवं जाव संखिज्जसमयाहिया ठिई असंखेज्जसमयाहियाए ठिईए तप्पाउग्गुक्कोसियाए ठिईए सत्तावीसं भंगा भाणियव्वा // 44 // इमोसे गं भंते ! रयणप्पभाए पुढवीए तीसाए णिरयावाससयसहस्सेसु एगमेगंसि णिरयावासंसि गेरइयाणं केवइया ओगाहणाठाणा पण्णता ? गोयमा ! असंखेज्जा ओगाहणाठाणा पण्णत्ता, तंजहा-जहणिया ओगाहणा, पएसाहिया जहण्णिया ओगाहणा, दुप्पएसाहिया जहण्णिया ओगाहणा जाव असंखिज्जपएसाहिया जहण्णिया ओगाहणा, तप्पाउग्गुक्कोसिया ओगाहणाः / इमीसे णं भंते ! रयणप्पभाए पुढवीए तीसाए णिरयावाससयसहस्सेसु एगमेगंसि गिरयावासंसि जहणियाए ओगाहणाए वट्टमाणा रइया कि कोहोवउसा ? असीइभंगा भाणियव्वा जाव संखिज्जपएसाहिया जहणिया
SR No.004390
Book TitleAngpavittha Suttani
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRatanlal Doshi, Parasmal Chandaliya
PublisherAkhil Bharatiya Sadhumargi Jain Sanskruti Rakshak Sangh
Publication Year1982
Total Pages1476
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari, agam_acharang, agam_sutrakritang, agam_sthanang, agam_samvayang, agam_bhagwati, agam_gyatadharmkatha, agam_upasakdasha, agam_antkrutdasha, & agam_anutta
File Size23 MB
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