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________________ णायाधम्मकहाओ अ. 19 1259 पाया। पुंडरीए जवराया। तेणं कालेणं ते समएणं थेरागमणं महापउमे राया णिग्गए, धम्म सोच्चा पुंडरीयं रज्जे ठवेत्ता पवइए पुंडरीए राया जाए कंडरीए जवराया। महापउमे अणगारे चोद्दसपुव्वाई अहिज्जइ, तए गं थेरा बहिया जण वयविहारं विहरंति / तए णं से महापउमे बहूणि वासाणि जाव सिद्धे // 144 // तए गं थेरा अण्णया कयाइ पुणरवि पुंडरिगिणीए रायहाणीए गलिणवणे उज्जाणे समोसढा / पुंडरीए राया णिग्गए / कंडरीए महाजणसई सोच्चा जहा महब्बलो जाव पज्जुवासइ / थेरा धम्म परिकति पुंडरीए समणोवास ए जाए जाव पडिगए / तए णं कंडरीए उढाए उठेइ 2 ता जाव से जहेयं तुन्भे वयह जं णवरं पुंडरीयं रायं आपुच्छामि तए णं जाव पव्वयामि / अहासुहं देवाणु प्पिया ! तए णं से कंडरीए जाव थेरे वंदइ णमंसइ वं० 2 त्ता [थेराणं] अंतियाओ पडिणिक्खमइ 2 ता तमेव चाउघंटं आसरहं दुरूहइ जाव पच्चोरुहह जेणेव पंडरीए राया तेणेव उवागच्छइ 2 ता करयल जाव पुंडरीयं एवं वयासी-एवं खल देवा०! मए थेराणं अंतिए (जाव) धम्मे णिसते से धम्मे अभिरुइए / तए णं देवा.! जाव पवइत्तए / तए णं से पुंडरीए कंडरीयं एवं वयासी-मा णं तुम भाउ (देवाणुप्पि) या ! इयाणि मुंडे जाव पव्वयाहि, अहं गं तुमं महारायाभिसेएणं अभिसिंचामि / तए णं से कंडरीए पुंडरीयस्स रण्णो एयमह्र णो आढाइ जाव तुसिणीए संचिट्ठइ / तए णं पुंडरीए राया कंडरीयं दोच्चंपि तच्चपि एवं वयासी जाव तुसिणीए संचिट्ठइ / तए णं पुंडरीए कंडरीयं कुमारं जाहे णो संचाएइ बहूहि आघवणाहि य पण्णवणाहि य 4 ताहे अकामए चेव एयम8 अणुमण्णित्था जाव णिक्ख. मणाभिसेएणं अभिसिंचइ जाव थेराणं सीसभिक्खं दलयइ पवइए अण. गारे जाए एक्कारसंगवी / तए णं थेरा भगवंतो अण्णया कयाइ पुंडरी. गिणीओ णयरीओ णलिणिवणाओ उज्जाणाओ पडिणिक्खमंति 2 ता बहिया जणवयविहारं विहरंति // 145 // तए णं तस्स कंडरीयस्स अणगारस्त तेहिं अंतेहि य पंतेहि य जहा सेलगस्स जाव दाहवक्कतीए यावि विहरइ / तए. गं. थेरा अण्णया कयाइ जेणेव पोंडरीगिणी तेणेव उवागच्छंति 2 ता पलिणिवणे समोसढा / पुंडरीए णिग्गए धम्म
SR No.004390
Book TitleAngpavittha Suttani
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRatanlal Doshi, Parasmal Chandaliya
PublisherAkhil Bharatiya Sadhumargi Jain Sanskruti Rakshak Sangh
Publication Year1982
Total Pages1476
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari, agam_acharang, agam_sutrakritang, agam_sthanang, agam_samvayang, agam_bhagwati, agam_gyatadharmkatha, agam_upasakdasha, agam_antkrutdasha, & agam_anutta
File Size23 MB
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