________________ भगवई स. 17 उ.९-१५ 855 णप्पमाआउकाइओ उववाइओ तहा जाव अहेसत्तमापुढविआउ काइओ उव. वाएयव्वो जाव ईसिप्पन्भाराए। सेवं भंते ! २त्ति 17.8 // 605 // आउक्काइए णं भंते ! सोहम्मे कप्पे समोहए समोहणित्ता जे भविए इमीसे रयणप्पभाए पुढवीए घणोदहिवलएसु आउकाइयत्ताए उववज्जित्तए से णं भंते ! सेसं तं चेव एवं जाव अहे सत्तमाए जहा सोहम्मआउक्काइओ एवं जाव ईसिप्पन्भाराआउक्काइओ जाव अहे सत्तमाए उववाएयव्वो / सेवं भंते ! 2 त्ति (17-6) // 606 // वाउक्काइए णं भंते ! इमीसे रयणप्पभाए पुढवीए जाव जे भविए सोहम्मे कप्पे वाउक्काइयत्ताए उववज्जित्तए से णं जहा पुढविक्काइओ तहा वाउक्काइओवि णवरं वाउक्काइयाणं चत्तारि समग्घाया प०, तं०-वेयणासमु. ग्घाए जाव वेउब्वियसमुग्याए, मारणंतियसमुग्धाएणं समोहणमाणे देसेण वा समो० सेसं तं चेव जाव अहे सत्तमाए समोहओ ईसिप्पन्भाराए उववाएयव्वो। सेवं भंते ! सेवं भंते ! त्ति (17-10) // 607 // वाउक्काइए णं भंते ! सोहम्मे कप्पे समोहए 2 ता जे भविए इमीसे रयणप्पमाए पुढवीए घणवाए तणुवाए घणवाय. वलएसु तणुवायवलएसु वाउक्काइयत्ताएं उववज्जित्तए से गं भंते ! सेसं तं चेव एवं जहा सोहम्मे वाउक्काइओ सत्तसुवि पुढवीसु उववाइओ एवं जाव ईसिप्पन्भाराए वाउक्काइओ अहे सत्तमाए जाव उववाएयन्वो। सेवं भंते ! 2 त्ति (17-11) // 608 // एगिदिया णं भंते ! सव्वे समाहारा सव्वे समसरीरा एवं जहां पढमसए बिइयउद्देसए पुढविक्काइयाणं वत्तव्वया भणिया सा चेव एगिदियाणं इह भाणियव्वा जाव समाउया समोववण्णगा। एगिदियाणं भंते ! कइ लेस्साओ प० ? गोयमा ! चत्तारि लेस्साओ प०, तं०-कण्हलेस्सा जाव तेउलेस्सा / एएसि गं भंते ! एगिदियाणं कण्हलेस्साणं जाव विसेसाहिया वा ? गोयमा ! सव्वत्थोवा एगिदियाणं तेउलेस्सा, काउलेस्सा. अगंतगुणा, णीललेस्सा विसेसाहिया, कण्हलेस्सा विसेसाहिया। एएसि णं भंते ! एगिदियाणं कण्हलेस्सा इड्ढी जहेव दीवकुमाराणं / सेवं भंते ! 2 त्ति (17-12) // 606 // णागकुमारा गं भंते ! सव्वे समाहारा जहा सोलसमसए दीवकुमा. रुदेसए तहेव णिरवसेसं भाणियध्वं जाव इड्ढीति / सेवं भंते ! 2 त्ति जाव विहरइ (17-13) // 610 // सुवण्णकुमारा गं भंते ! सवे समाहारा० एवं चेव / सेवं भंते ! 2 त्ति (17-14) // 611 // विज्जुकुमारा णं भंते ! सम्वे समाहारा० एवं चेव / सेवं भंते ! 2 त्ति (17-15) // 612 // वाउ