________________ ठाणं ठा. 4 उ. 3 णियच्छइ विणिघायमावज्जइ पढमा दुहसेज्जा / अहावरा दोचा दुहसेज्जा से णं मुंडे भवित्ता अगाराओ अणगारियं पव्वइए सएणं लाभेणं णो तुस्सइ परस्स लाभमासाएइ पीहेइ पत्थेइ अभिलसइ परस्स लाभमासाएमाणे जाव अभिलसमाणे मणं उच्चावयं णियच्छइ विणिघायमावज्जइ दोच्चा दुहसेज्जा / अहावरा तच्चा दुहसेज्जा, से णं मुंडे भवित्ता अगाराओ अणगारियं पव्वइए दिव्वे माणुस्सए कामभोगे आसाएइ जाव अभिलसइ दिव्वे माणुस्सए कामभोए आसाएमाणे जाव अभिलसमाणे मणं उच्चावयं णियच्छइ, विणिघायमावज्जइ तच्चा दुहसेना / अहावरा चउत्था दुहसेज्जा से णं मुंडे भवित्ता जाव पव्वइए तस्स णमेवं भवइ जया णं अहमगारवासमावसामि तया णमहं संवाहणपरिमद्दणगायब्भंगगाउच्छोलणाई लभामि जप्पभिइं च णं अहं मुंडे भवित्ता जाव पव्वइए तप्पभिई च णं अहं संवाहण जाव गाउच्छोलणाई णो लभामि से णं संवाहण जाव गाउच्छोलणाई आसाएइ जाव अभिलसइ से णं संवाहण जाव गाउच्छोलणाई आसाएमाणे जाव मणं उच्चावयं णियच्छइ विणिघायमावजइ चउत्था दुहसेज्जा // 118 / / चत्तारि सुहसेज्जाओ प० त० तत्थ खलु इमा पढमा सुहसेज्जा से णं मुंडे भवित्ता अगाराओ अणगारियं पव्वइए णिग्गंथे पावयणे णिस्संकिए णिकंखिए णिवितिगिच्छिए, णो भेदसमावण्णे णो कलुससमावण्णे णिग्गंथं पावयणं सद्दहइ पत्तियइ रोएइ णिग्गंथं पावयणं सद्दहमाणे पत्तियमाणे रोएमाणे णो मणं उच्चावयं णियच्छइ, णो विणिघायमावज्जइ पढमा सुहसेज्जा / अहावरा दोच्चा सुहसेज्जा से णं मुंडे भवित्ता जाव पव्वइए सएणं लाभेणं तुस्सइ, परस्स लाभंणो आसाएइ, णो पीहेइ, णो पत्थेइ, णो अभिलसइ, परस्स लाभमणासाएमाणे जाव अणभिलसमाणे णो मणं उच्चावयं णियच्छइ णो विणिघायमावज्जइ, दोच्चा सुहसेज्जा / अहावरा तच्चा सुहसेज्जा, से णं मुंडे भवित्ता जाव पव्वइए दिव्बमाणुस्सएकामभोगे णो आसाएइ जाव णो अभिलसइ, दिव्वमाणुस्सए कामभोगे अणासाएमाणे जाव अणभिलसमाणे णो मणं उच्चावयं णियच्छइ णो विणिघायमावज्जइ, तच्चा सुहसेज्जा / अहावरा चउत्था सुहसेज्जा, से णं मुंडे भवित्ता जाव पव्वइए तस्स णमेवं भवइ जइ ताव अरिहंता भगवंता हट्ठा आरोग्गा बलिया कल्लसरीरा अण्णयराइं ओरालाई कल्लाणाई विउलाई - पयत्ताई पग्गहियाई महाणुभागाई कम्मक्खयकारणाई तवोकम्माई पडिवज्जति