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________________ सूयगडो सु. 1 अ. 2 उ. 2 115 रोयंति य पुत्तकारणा / दवियं भिक्खुं समुट्ठियं णो लभंति ण संठवित्तए // 17 // जइ वि य कामेहि लाविया जइ णेज्जाहि ण बंधिउं घरं / जइ जीविय णावकंखए णो लब्मति ण संठवित्तए // 18 // सेहंति य णं ममाइणो माय पिया य सुया य भारिया / पोसाहि ण पासओ तुमं लोग परं पि जहासि पोसणो // 19 // अण्णे अण्णेहि मुच्छिया मोहं जंति णरा असंवुडा / विसमं विसमेहि गाहिया ते पावेहि पुणो पगब्भिया // 20 // तम्हा दवि इक्ख पंडिए पावाओ विरएऽभिणिबुडे / पणए वीरं महाविहिं सिद्धिपहं णेयाउयं धुवं // 21 // वेयालियमग्गमागओ मणवयसा कारण णिव्वुडो / चिच्चा वित्तं च णायओ आरम्भं च सुसंवुडे चरे // 22 // त्ति बेमि / ॥बीअं अज्झयणं बीओ उद्देसो॥ तयसं व जहाइ से रयं इइ संखाय मुणी ण मज्जई / गोयण्णतरेण माहणे अहसे यकरी अण्णेसि इंखिणी / / 1 // जो परिभवई परं जणं संसारे परिवत्तई महं। अदु इंखिणिया उ पाविया इइ संखाय मुणी ण मजई // 2 // जे यावि अणायगे सिया जे वि य पेसगपेसए सिया / जे मोणपयं उवहिए णो लज्जे समयं सया चरे // 3 / / सम अण्णयरम्म संजमे संसुद्धे समणे परिव्वए / जे आवकहा समाहिए दविए कालमकासि पंडिए // 4 // दूरं अणुपस्सिया मुणी तीयं धम्ममणागयं तहा। पुढे फरुसेहिं माहणे अवि हूणू समयम्मि रीयइ / / 5 // पण्णसमत्ते सया जए समताधम्ममुदाह रे मुणी / सुहुमे उ सया अलूसए णो कुज्झे णो माणि माहणे // 6 // बहुजणणमणम्मि संवुडो सव्वढेहि गरे अणिस्सिए / हरए व सया अणाविले धम्मं पादुरकासि कासवं // 7 // बहवे पाणा पुढो सिया पत्तेयं समयं समीहिया / जे मोणपयं उवढिए विरइं तत्थ अकासि पंडिए // 8 // धम्मस्स य पारए मुणी आरम्भस्स य अंतए ठिए / सोयति य णं ममाइणो णो लब्भति णिय परिग्गहं // 9 // इहलोगदुहावहं विऊ परलोगे य दुहं दुहावहं / विद्धंसणधम्ममेव तं इइ विजं को गारमावसे // 10 // महयं पलिगोव जाणिया जा वि य वंदणपूयणा इहं / सुहुमे सल्ले दुरुद्धरे विउमंतापयहिज्ज संथवं // 11 // एगे चर ठाणमासणे सयणे एग समाहिए सिया / भिक्खू उवहाणवीरिए वइगुत्ते अज्झत्तसंवुडो // 12 // णो पीहे ण यावपंगुणे दारं सुण्णघरस्स संजए। पुढे ण उदाहरे
SR No.004390
Book TitleAngpavittha Suttani
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRatanlal Doshi, Parasmal Chandaliya
PublisherAkhil Bharatiya Sadhumargi Jain Sanskruti Rakshak Sangh
Publication Year1982
Total Pages1476
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari, agam_acharang, agam_sutrakritang, agam_sthanang, agam_samvayang, agam_bhagwati, agam_gyatadharmkatha, agam_upasakdasha, agam_antkrutdasha, & agam_anutta
File Size23 MB
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