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१, २, ७७] दव्वपमाणाणुगमे इंदियमग्गणा
[ ६९ आनत और प्राणतसे लेकर नौ अवेयक तक विमानवासी देवोंमें मिथ्यादृष्टि गुणस्थानसे लेकर असंयतसम्यग्दृष्टि गुणस्थान तक प्रत्येक गुणस्थानवर्ती उक्त देव द्रव्यप्रमाणकी अपेक्षा कितने हैं? पल्योपमके असंख्यातवें भाग हैं । उपर्युक्त जीवराशियोंके द्वारा अन्तर्मुहूर्तसे पल्योपम अपहृत होता है ।। ७१ ॥
__ अणुद्दिस जाव अबराइदविमाणवासियदेवेसु असंजदसम्माइट्ठी दव्वपमाणेण केवडिया ? पलिदोवमस्स असंखेज्जदिभागो । एदेहि पलिदोवममवहिरदि अंतोमुहुत्तेण ।।
__ अनुदिश विमानोंसे लेकर अपराजित विमान तक इन विमानोंमें रहनेवाले असंयतसम्यग्दृष्टि देव द्रव्यप्रमाणकी अपेक्षा कितने हैं ? पल्योपमके असंख्यातवें भाग हैं । इन जीवराशियोंके द्वारा अन्तर्मुहूर्तसे पल्योपम अपहृत होता है ॥ ७२ ॥
सव्वट्ठसिद्धिविमाणवासियदेवा दव्वपमाणेण केवडिया ? संखेज्जा ।। ७३ ॥ सर्वार्थसिद्धि विमानवासी देव द्रव्यप्रमाणकी अपेक्षा कितने हैं ? संख्यात हैं ॥ ७३ ॥
सर्वार्थसिद्धि विमानवासी देव मनुष्यनियोंके प्रमाणसे तिगुणे हैं, इतना यहां विशेष समझना चाहिये।
अब इन्द्रियमार्गणाके अनुवादसे एकेन्द्रिय जीवोंकी संख्याका प्रतिपादन करते हैं
इंदियाणुवादेण एइंदिया बादरा सुहुमा पज्जत्ता अपज्जत्ता दव्वपमाणेण केवडिया ? अणंता ।। ७४ ॥
इन्द्रियमार्गणाके अनुवादसे एकेन्द्रिय, एकेन्द्रिय पर्याप्त, एकेन्द्रिय अपर्याप्त, बादर एकेन्द्रिय, बादर एकेन्द्रिय पर्याप्त, बादर एकेन्द्रिय अपर्याप्त, सूक्ष्म एकेन्द्रिय, सूक्ष्म एकेन्द्रिय पर्याप्त और सूक्ष्म एकेन्द्रिय अपर्याप्त जीव द्रव्यप्रमाणकी अपेक्षा कितने हैं ? अनन्त हैं ॥ ७४ ॥
अणंताणताहि ओसप्पिणि-उस्सप्पिणीहि ण अवहिरंति कालेण ।। ७५ ॥
कालप्रमाणकी अपेक्षा पूर्वोक्त एकेन्द्रिय आदि नौ जीवराशियां अनन्तानन्त अवसर्पिणियों और उत्सर्पिणियोंके द्वारा अपहृत नहीं होती हैं ।। ७५ ॥
अतीत कालको अवसर्पिणी और उत्सर्पिणीके प्रमाणसे करनेपर अनन्त अवसर्पिणी और उत्सर्पिणी प्रमाण अतीत काल होता है । इस प्रकारके उस अतीत कालके द्वारा ये नौ राशियां अपहृत नहीं होती हैं । अर्थात् अतीत कालके समयोंकी जितनी संख्या है, उससे भी बहुत अधिक सूत्रोक्त बादर एकेन्द्रियादि जीवोंका प्रमाण है।
खेत्तेण अणंताणंता लोगा ।। ७६ ॥ क्षेत्रप्रमाणकी अपेक्षासे पूर्वोक्त एकेन्द्रियादि नौ जीवराशियां अनन्तानन्त लोक प्रमाण हैं । बेइंदिय-तीइंदिय-चउरिंदिया तस्सेव पज्जत्ता अपज्जत्ता दव्वपमाणेण
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