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६७८ ] छक्खंडागमे वेयणाखंड
[४, २, १३, ३०९ ॥ ३०७ ॥ उसके इन कर्मोकी वेदना भावकी अपेक्षा नियमसे अजघन्य और अनन्तगुणी अधिक होती है ।। ३०८ ॥
जस्स मोहणीयवेयणा भावदो जहण्णा तस्स सत्तण्णं कम्माणं वेयणा भावदो किं जहण्णा अजहण्णा ? ॥ ३०९ ॥ णियमा अजहण्णा अणंतगुणब्भहिया ॥३१० ॥
___जिसके मोहनीयकी वेदना भावकी अपेक्षा जघन्य होती है उसके सात शेष कर्मोकी वेदना भावकी अपेक्षा क्या जघन्य होती है या अजघन्य ? ॥ ३०९ ॥ उसके वह नियमसे अजघन्य और अनन्तगुणी अधिक होती है ।। ३१० ॥
जस्स आउअवेयणा भावदो जहण्णा तस्स छण्णं वेयणा भावदो किं जहण्णा अजहण्णा ? ॥३११ ॥ णियमा अजहण्णा अणंतगुणब्भहिया ॥३१२ ॥
'जिसके आयु कर्मकी वेदना भावकी अपेक्षा जघन्य होती है उसके नामकर्मको छोड़कर शेष छह कर्मोंकी वेदना भावकी अपेक्षा क्या जघन्य होती है या अजघन्य ? ॥ ३११ ॥ उसके वह नियमसे अजघन्य और अनन्तगुणी अधिक होती है ।। ३१२ ॥
तस्स गामवेयणा भावदो किं जहण्णा अजहण्णा ? ॥ ३१३ ॥ जहण्णा वा अजहण्णा वा, जहण्णादो अजहण्णा छट्ठाणपदिदा ॥ ३१४ ॥
उसके नामकर्मकी वेदना भावकी अपेक्षा क्या जघन्य होती है या अजघन्य ? ॥३१३॥ उसके वह जघन्य भी होती है और अजघन्य भी होती है । जघन्यकी अपेक्षा वह अजघन्य छह स्थानोंमें पतित होती है ॥ ३१४ ॥
__ जस्स णामवेयणा भावदो जहण्णा तस्स छण्णं कम्माणमाउअवज्जाणं वेयणा भावदो किं जहण्णा अजहण्णा ? ॥३१५॥ णियमा अजहण्णा अणंतगुणब्भहिया ॥३१६॥
जिसके नामकर्मकी वेदना भावकी अपेक्षा जघन्य होती है उसके आयुको छोड़कर शेष छह कर्मोकी वेदना भावकी अपेक्षा क्या जघन्य होती है या अजघन्य ? ॥ ३१५॥ उसके वह नियमसे अजघन्य और अनन्तगुणी अधिक होती है ॥ ३१६ ॥
तस्स आउअवेयणा भावदो किं जहण्णा अजहण्णा ? ॥ ३१७॥ जहण्णा वा अजहण्णा वा, जहण्णादो अजहण्णा छट्ठाणपदिदा ॥ ३१८ ॥
उसके आयुकी वेदना क्या जघन्य होती है या अजघन्य ? ॥ ३१७ ॥ उसके वह जघन्य भी होती है और अजघन्य भी होती है। जघन्यकी अपेक्षा वह अजघन्य छह स्थानोंमें पतित होती है ॥ ३१८ ॥
जस्स गोदवेयणा भावदो जहण्णा तस्स सत्तणं कम्माणं वेयणा भावदो किं 'जहण्णा अजहण्णा ? ॥ ३१९ ॥ णियमा अजहण्णा अणंतगुणब्भहिया ॥ ३२० ॥
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