Book Title: Shatkhandagam
Author(s): Pushpadant, Bhutbali, 
Publisher: Walchand Devchand Shah Faltan

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Page 937
________________ ८१२] छक्खंडागम वर्णव्यत्यय संस्कृत प्राकृत सूत्र त्रि. प्रा. शब्दानु. no पीठानाम् पिठर no १।३।२८ no श्रेणी ण = ढ त-लोप ११३८ १॥३॥३३ mvhoto or lover पीडाण पिढर सेडी सेढीओ गइ पडिवज्जंतस्स मदि उज्जोव भरह पुढवि पढमाए पुधत्तेण मेहुण मउव दुपय एक्कारस ५,५,१८ ४,२-७,१७५ १,२.१७ १,१,४ १,९-१,१ ५.५.७९ १,९-१,२८ ५,५,६४ १,१,३९ १,२,१९ २,२,१५ ४,२-८.५ १,९-१,४० श्रेणयः गति प्रतिपद्यतः मति उद्योत भरत पृथिवी प्रथमायाम् पृथक्त्वेन मैथुन मृदुक द्विपद एकादश मेधा उपघात शुभ विभंग कायः, कषायः योगे हारिद्र द्वादश षष्ठयाम् १।३।३९ १।३।४७ १३१४८ ११३।२१ १।३।२० ११३८ hd द-लोप मेहा to ५,५,३७ १,९-१,४२ १,९-१,२८ ho भ = ह य-लोप उवघाद सुह विहंग काए, कसाए जोगे हालि बारह छट्टीए 44 १३१४२ १३।२० ११३१५५ १।३।२० ११३१२० ११३८ १३।७४ १।३।७८ ११३८८ ११३।९० १,१,४ १,१,४ १,९-१,३७ १,९-९,४९ संयुक्त व्यंजन १४१७७ १,९-१,३९ २,२,१५ क्त = त तिक्त क्त्व = त्त पृथक्त्वेन क्र = क्क शक्र, शुक्र क्ल = क्क शुक्ल क्ल = क्किल शुक्ल तित्त प्रधत्तण सक्क, सुक्क सुक्क सुक्किल ११४७८ क्ष = ख क्ष = क्ख ग्म = म्म ११४८ १,१,१३६ १,९-१,३७, ५,५,१२७ १,१,१६-१८ ५.५,१५७ ४,२-७,१९८ क्षपकाः पक्षी युग्म खवा पक्खी जुम्म ११४।४७ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org.

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